ये डाकघर ज़िन्दगी की पाती है। मानवीय सामवेंदनाओ का आइना है। आपाधापी में एक छांव है। जो वर्तमान का हाथ थामे है और भूत से समाहित। सामाजिक मुद्दों पर बेवाक, टेक्नॉलजी का समाज और सभ्यता और प्रभाव बताता और जताता ...
दफ्तर दफ्तर खेल रहे है, जीवन गड्डी झेल रहे है,
धर्म लुटा ईमान लुटा है, पर भौकाली पेल रहे
जब से मेरी कमायी को किश्तों ने आँका है,
तब से समय को मैंने बालिश्तों में नापा है। @विक्रम
Vikram P Singh
बियर्स और बुल्ज़ के बीच सिहरता सकपकाता सिप वाला इन्वेस्टर…
सकल घरेलू उत्पाद का कमजोर आँकड़ा, रुपये में अनवरत गिरावट, भारतीय कम्पनीज़ के निशाराजनक नतीजे और बड़बोले ट्रम्प की कारगुज़ारियों से रक्तरंजित भारतीय शेयर सूचकांक की कराह जारी ही थी कि सीमेण्ट के बादशाह ‘अल्ट्राटेक’ ने घोषणा कर दी कि वो “वायर्स और केबल” इण्डस्ट्री में आयेगे। 1800 करोड़ का कैपेक्स साथ। देखिये की इस तरह की घोषणा का वक्त भी क्या चुना।
इस घोषणा के साथ ही वायर्स और केबल इण्डस्ट्री के दिग्गजों से लेकर छोटी मझोली कम्पनीज़ के निवेशकों में कमोबेश वही स्थिति आ गयी कि “ भागो - भागो, आसमान गिर रहा ….” मानों ग़रीबी में आटा गीला होना। बड़ा विदेशी संस्थागत इंवेस्टर तो कमा कर हवा हो गया। देशी संस्थागत इंवेस्टर लगा और साधारण इंवेस्टर मार्केट के मलवे में दबे पड़े है। देखिए सिप - सिप करके चाय पीने वाला आदमी सिप - सिप करके पैसा लगाने लग गया और अब लग गयी। मार्केट एक ही सिप में पैसा लील गया। मानों सुरसा ने खुद मुँह खोला हो। मार्केट गुरुस ऐसा बेसुध पड़े है मानों साँप सूँघ गया हो।
क़रीब दो बरस पहले भी बिरला ग्रुप के मालिकान ग्रासिम इण्डस्ट्रीज के माध्यम से पेण्ट के बिज़नेस में उतरे थे, 10 हज़ार करोड़ के भारी भरकम केपेंक्स के साथ। और फिर तब से पूरी पेण्ट इण्डस्ट्री हलकान है। एशियन पेण्ट और उसके निवेशक तक पानी माँग रहे है। उस समय मार्केट फल फूल रहा था।
रेड ओशियन मार्केट में बड़ी मछली आकर छोटी मछलियों को ख़ौफ़ज़दा कर देती है। माने हम तो डूबे है सनम तुमको भी ले डूबेंगे वाली स्थिति होती है।
साधारण इन्वेस्टर जो करोड़ों डिमैट अकाउंट खुलवा कर करोड़पति हो जाने के हसीन सपने में था। रोज़ यू ट्यूब देख कर भारत की इकॉनमी के ग्रोथ पाथ की प्रोजेक्टाइल मोशन समझता था। हर महीने की पहली तारीख़ को पैसा 45 डिग्री का कोण बना कर मार्केट की तरफ़ उछाल देता है। 20 प्रतिशत की कमाई की धुन में उसे केवल ये ही याद रहा कि “सिप में पैसा है लगाना आज पहली तारीख़ है।” ये आदमी अभी सहम गया है, सिहरा पड़ा है, माने उसकी सुध किसी को नहीं।
जब एक ग़ैर सरकारी घोषणा भर से हज़ारों करोड़ उड़ जायें तो समझिये कि कोई तो कमा रहा है और साधारण आदमी बलि का बकरा बनता जाता है। पहले बुल्ज़ ने कमाया अभी बियर्स दहाड़ मार रहे है। साधारण डिमैट अकाउंट वाला आदमी गेंहूँ में घुन की तरह पिसता जाता है।
मार्केट खबरों से चलता है। साधारण आदमी बासी खबर से ही काम चलाता है। इस लिये रुपया कभी साधारण आदमी के पास आया भी तो उदास होकर आता बस मेहमान की तरह।
ख़ैर बाज़ार नियन्त्रक को हमेशा ऐसी घोषणाओं के बाद आयी बिकवाली और ख़रीदारी का अध्ययन बारीकी से करना चाहिये। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सभी ख़रीददारों पर ताकि करोड़ों डिमैट खुलवा कर भारतवर्ष को धन्य करने वाले जान साधारण की आशाएँ ना टूटे। अन्यथा कुम्भ नहाने में पाप के साथ साथ पैसा भी धुलवा कर उदास होता रहेगा आदमी।
1 month ago | [YT] | 0
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Vikram P Singh
बाहर से आयात की गई कारों पर पहले 115% आयात शुल्क लगाया जाता था। कुछ महीने पहले तक। अभी इसको कम करके लगभग 15% कर दिया गया। इस चेंज का रैशनल सरकार को एक्सप्लेन करना चाहिये था। या यह मान लिया जाय की केवल टेस्ला को एण्ट्री देने के लिये आयात शुक्ल इतना घटा दिया गया?
पहले इतने अधिक शुल्क की क्या ज़रूरत थी अभी क्यों नहीं। तमाम अनुत्तरित सवाल इस शंका को जन्म देते है कि बड़बोले ट्रम्प साहब के दबाव में घरेलू काम निर्माताओं के हितों से समझौता किया जा रहा है। विदेशी राष्ट्रपति के दबाव में पालिसी बनायी जा रही है। दोस्त दोस्त ना रहा क्या इसे ऐसे भी कहा जा सकता है।
1 month ago (edited) | [YT] | 0
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Vikram P Singh
अम्बेडकर के नाम पर हुए विवाद को थामने के लिये। एक नया विवाद खड़ा किया गया प्रायोजित ढंग से। ऐसा ही हर बार किया जाता है। पुलिस, ED, इनकम टैक्स को पर्सनल एसेट की तरह इस्तेमाल करने वाली सत्ता धारी पार्टी नेता विपक्ष कितनी डरी हुई है। आज ये ज़ाहिर हो गया। हरियाणा और महाराष्ट्र की बड़ी चुनावी जीत के बाद भी इतना ख़ौफ़!!! नेता विपक्ष के बढ़ते क़द का सूचक है।
4 months ago | [YT] | 0
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Vikram P Singh
किसान भी देश का हिस्सा है
8 months ago | [YT] | 0
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Vikram P Singh
समाज का एक बड़ा हिस्सा राजनीतिक वर्क फ़ोर्स में तब्दील हो चुका है। माने समाज का हिस्सा नहीं रहा!!!
राजनीतिक वर्क फ़ोर्स में बदले इस तबके में सबके के अपने उद्देश है, कोई सत्ता का साथी दिखना चाहता है, मुहल्ले और शहर स्तर पर रसूख के लिए,
कुछ केवल फ़ालोअर्ज़ है, जिनके अपने कोई विचार नहीं लफ़्फ़ाज़ी मौज और पुलिस से बचने के लिये करते है। कुछ को रोज़गार मिल गया IT वर्क फ़ोर्स में या किसी अन्य चीज़ में, कुछ नागपुर की विचारधारा से चाहे,अनचाहे बँध गए है जिन्हे लगता है वो देश सेवा कर रहे है वो भी सेटल कर दिए जायेगे एक दिन। सबसे बड़ा तबका 'जातीय अस्मिता' के मानसिक घेराव में है। उसे लगता की नागपुर वाली विचारधार ही उसके श्रेष्ठता के अहम् को पल्ल्वित कर रख सकता है, अन्यथा उसकी हस्ती खतरे में है। दूसरा बड़ा हिस्सा वो जिन्होंने ये पढ़ लिया है कि गाँधी ने देश को बर्बाद कर दिया। ये तबका वो वाला है जो ये फैसला नहीं ले पाता की बच्चे का किस स्कूल में एडमिशन करवाए, वो ये कहता और मानता की गाँधी जी के फैसलों देश को बर्बाद किया।
समाज और राजनीतिक वर्क फ़ोर्स का ये विभाजन, ख़तरकनाक है लोकतान्त्रिक व्यवस्था के लिए। सहनशील, सहिषुण भारत के लिए। हमारी विविधता में एकता के लिए। हक़ की लड़ाई के लिए हमेशा जागरूक लोग ही आगे आये आते रहेंगे, उनको खालिस्तान और पकिस्तान से जोड़ने की साजिशे, परम्परा बेहद विषैली है। लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका किसी से नहीं छुपी, लोहिया जैसे विपक्षियों को कौन नहीं जानता। विचारों की लड़ाई बेहतरी के प्रयास यही से पुष्पित और पल्लवित होते है। नयी उगी राजनीतिक वर्क फ़ोर्स IT टीम द्वारा सेट किया जा रहे narratives जैसे "राजनीतिक पर्यटन", "देशद्रोही" "खालिस्तानी समर्थक", "टोटीचोर", " वो तो 18 घण्टे काम करते" , "टुकड़े- टुकड़े गैंग" और न जाने कितने, नैरेटिव्ज़ को न केवल स्वीकार कर बल्कि प्रचारित कर रही है। ये भारत की संस्कृति के बेहद विषम परिस्थितयो से गुजरने के संकेत है। हत्या का जश्न जिस सभ्यता में बनाया जाय तो भष्मासुर हो जाएगी इसकी प्रबल सम्भावनाये हमेशा है।
9 months ago | [YT] | 1
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Vikram P Singh
Must watch
10 months ago | [YT] | 0
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Vikram P Singh
Yamaha Fascino .
11 months ago | [YT] | 1
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Vikram P Singh
Goa is the city of Scotties & most popular scooty as of today Yamaha Fascino
11 months ago | [YT] | 2
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Vikram P Singh
Goa has local taxi Called ‘Goa miles’ which is app based taxi. Which picks you & drops you at desired location. Overall very smooth experience.
11 months ago | [YT] | 2
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Vikram P Singh
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11 months ago | [YT] | 2
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