भक्ति भजन

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भक्ति भजन

राजनीतिक ताक़त ही यह तय करती है कि कौन उग्रवादी कहलाएगा और कौन उदारवादी। ताक़त के बिना मज़हब सिर्फ़ एक फलसफ़ा रह जाता है, और ताक़त के साथ वही फलसफ़ा क़ानून बन जाता है और वही क़ानून नई तहज़ीबों की बुनियाद डालता है।

अगर ताक़त का तराज़ू न होता, तो करोड़ों निर्दोषों का ख़ून बहाने वाला अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी देश कहलाता; लेकिन वही अमेरिका अपनी ताक़त से ‘सभ्यता’ का पैमाना तय करता है।

इतिहास लम्हों का नहीं, सदियों का हिसाब रखता है। आज जिस तालिबान को दुनिया ने ‘आतंक’ कहा, वही आज राजकीय मेहमान हैं। कल जिन पर निशान लगे थे, आज वही सलाम पा रहे हैं।

इसलिए फ़ैसले हमेशा ताक़त करते हैं, और सच हमेशा वक़्त तय करता है। आज जो हाशिए पर हैं, वो कल के हाकिम भी हो सकते हैं।

"कि रात जब किसी खुर्शीद को शहीद करे
तो सुबह इक नया सूरज तराश लाती है।"

5 days ago | [YT] | 1

भक्ति भजन

*🙏हमारी आराध्या देवी भगवती योगमाया त्रिगुणात्मिका श्रीमहाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपा श्री राजराजेश्वरी माँ 🙏श्री जीणमाता🙏 के पावन दर्शन 🙏*
*26/09/2025 ( शुक्रवार ) *आश्विन शुक्ल पक्ष चतुर्थ ( चतुर्थ शारदीय नवरात्रि तिथि ) विक्रम संवत् 2082*

3 weeks ago | [YT] | 1

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आज_के_दर्शन:- प्रभु_श्री_सांवलिया_सेठजी_के श्री सांवलिया मंदिर मंडफिया चित्तौड़गढ़ राजस्थान 26_सितंबर_2025🙏🌹🙏
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3 weeks ago | [YT] | 3

भक्ति भजन

आज दिनांक 26/09/2025 (नवरात्री पंचमी दिन) शुक्रवार के दिन करिये माँ के सायं काल आरती का दिव्य दर्शन🙏🏻जय माँ तारा 🌺❤️ अघोर तंत्र शक्ति पीठ 🌿🌺पच्छिम बंगाल 🚩🌿
जय माँ विंध्यवासिनी 🙏

3 weeks ago | [YT] | 1

भक्ति भजन

आज के दर्शन 12-09-2025
श्री खाटु श्याम मन्दिर मन्दसौर (म.प्र.)

1 month ago | [YT] | 2

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एक समय की बात है एक प्रतापी राजा था, उसने अपने राजमहल में ब्राह्मणों के भोजन का आयोजन किया और यह आयोजन उसने अपने बाग़ बगीचे वाले स्थान पर रखा था, इसलिए रसोइया भी उसी स्थान पर जाकर भोजन पका रहा था.

उसी समय आकाश से एक चील आया, उस चील ने अपने मुंह में एक सर्प को दबाया हुआ था और जब वो चील उस बगीचे के उपर से जा रहा था उस समय उस सांप ने उस चील को डसने की कोशिश करी, जिसके कारण ज़हर की कुछ बूदें उस बर्तन में गिर गई जिस में ब्राह्मणों के लिए भोजन पकाया जा रहा था.

लेकिन उस रसोईये को इस बात का पता नहीं चला, उसे ज़रा भी आभास नहीं हुआ कि ज़हर की बूदें इस बर्तन में गिर गई हैं. फलस्वरूप वो सारा भोजन ज़हरीला हो गया और यह भोजन ब्राह्मणों ने खा लिया.

तो ज़हरीला भोजन करने के कारण सभी ब्राह्मणों की मृत्यु हो गई और एक साथ इतने ब्राह्मणों की मृत्यु हो जाना कोई अच्छी बात नहीं थी और यह तो घोर पाप हुआ.

अब भगवान के सामने यह प्रशन उठा कि इस पाप की सजा किसको दी जाए? उस राजा को, जिस ने इस भोजन का आयोजन किया था, लेकिन उसे तो पता भी नहीं था कि भोजन में ज़हर है.

या उस रसोईये को जिस ने वो भोजन बनाया था, परन्तु वो भी इस बात से अनभिज्ञ था कि यह भोजन ज़हरीला हो चुका है. तो क्या सज़ा उस चील को दी जाए जो उस सर्प को लेकर वहां से निकला और या फिर सज़ा उस सांप को दी जाए जिसने आत्मरक्षा के लिए उस ज़हर को उगला !!

तो यह बड़े असमंजस की स्थिति बन गई कि आखिर इतने बड़े घोर पाप की सज़ा किसको दी जाए, तो इस कर्म की सज़ा के लिए काफी दिन बीत गये.

फिर एक दिन कुछ ब्राह्मण उस नगर में आए और उन्होंने एक महिला से राजमहल का पता पूछा. उस महिला ने राजमहल का पता बता दिया लेकिन पता बताने के बाद उस महिला ने उन ब्राह्मणों से कहा कि आप जा तो रहे हैं राजमहल लेकिन थोडा संभल कर जाना, क्योंकि ये जो राजा है ये ब्राह्मणों को भोजन में ज़हर मिला कर दे देता है.

उस महिला के इतना कहते ही भगवान ने कहा कि इस कर्म के फल का अधिकारी मुझे मिल गया है, तो सभी ने भगवान से पूछा कि वो कोन है?

तो भगवान ने कहा कि इस महिला को इस कर्म की सज़ा दे दी जाए, तब सभी आश्चर्यचकित हो गए और वो बोले कि वो महिला तो उस समय वहां मौजूद भी नहीं थी, ना उसने ज़हर मिलाया, ना उसने भोजन पकाया और ना ही उस ने उन ब्राह्मणों को भोजन कराया, फिर इसकी सज़ा उसे क्यों दे रहे हैं?

तब भगवान ने कहा कि किसी भी कर्म का आनंद जो सबसे ज्यादा लेता है उसी को उसका फल भुगतना पड़ता है. इस पूरे कर्म में ना रसोईये को आनंद की अनुभूति हुई, ना राजा को आनंद की अनुभूति हुई, ना सर्प को हुई और उस चील को हुई !!

लेकिन इस घटना से सबसे ज्यादा आनंद और सबसे ज्यादा रस इस महिला को ही मिला है, इसलिए इस कर्म की सज़ा इसे भी भुगतनी पड़ेगी

सीख :--
कर्म के फल की व्याख्या इतनी आसान नहीं है. शब्द ही हमारे कर्म हैं, हम जो काम करते हैं वो तो हमारे कर्म होते ही हैं लेकिन जो हमारी किसी के प्रति भावनाएं है, वही हमारे कर्म हैं, हमारे विचार ही हमारे कर्म हैं. अगर आपने अपने विचारों पर नियंत्रण करना सीख लिया तब आप एक महान इंसान बन जाते हैं.

कर्मों का सिद्धांत बड़ा ही सरल है, जैसा आप किसी को दोगे, वैसा ही आपको वापिस मिलेगा, तो अपने मन से फैसला कर लीजिए कि आपको क्या चाहिए, तो अगर आप इस ब्रह्माण्ड को सकारात्मक उर्जा दोगे, तो आपको भी सकारात्मक उर्जा ही मिलेगी....

1 month ago | [YT] | 1

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🙏🏻🙏🏻 *अष्टमुखी पशुपतिनाथ महादेव मंदसौर (म.प्र.)के आज दिनांक 10/09/25 के राजभोग आरती श्रृंगार दर्शन।।* 🙏🏻🙏🏻

1 month ago | [YT] | 1

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भारतीय इकॉनोमी ने आज फिर से राहुल गांधी का मुंह चिढ़ा दिया. लगभग 8% की बढ़त.

इसे ही राहुल जी "डेड इकॉनोमी" बोलते हैं.

पर वे जानते हैं कि इकॉनोमी बढ़िया चल रही है. इसलिए वे शेयर बाजार से अपना 8 करोड़ रुपए का निवेश निकालते नहीं हैं.

1 month ago | [YT] | 1

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सिद्धपीठ श्री सालासर बालाजी धाम से
श्री बालाजी महाराज के आज के अलौकिक दर्शन 29-08-2025 भाद्रपद शुक्ल पक्ष शुक्रवार
श्री बालाजी महाराज की कृपा आप व आपके
परिवार पर बनी रहे

#salasar #balaji #hanuman #bajrangbali #jaishreeram #salasarbalaji #darshan

1 month ago | [YT] | 2

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#बिग_ब्रेकिंग
सनसनीखेज समाचार
(जो आप तक कुछ दिनों बाद पहुंचेगी)
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ट्रंप के टैरिफ का खेल आपको क्या लगता है?
जो दिख रहा है, पहले वो देखें जो दिखाया जा रहा है।
1. ट्रंप नोबल के लालच में है।
2. ट्रंप अमेरिका के मुकाबले मजबूत भारत नहीं देखना चाहता।
3. ट्रंप भारत-पाकिस्तान का तनाव खत्म करना चाहता है।
4. ट्रंप डॉलर के मुकाबले में ब्रिक्स को नहीं देखना चाहता।
5. ट्रंप भारत के बढ़ते हथियार निर्यात से चिढ़ गया है।
ब्लॉ ब्लॉ ब्लॉ ब्लॉ
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लेकिन पर्दे के पीछे की हकीकत आपकी नींद उड़ा देगी।
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दरअसल इस सबके पीछे है आतंकवाद का खेल। आतंकियों के पास मिले अमरीकी हथियार यूं ही नहीं उन तक पहुंच रहे थे। असल में भारत के आतंकवाद के पीछे बरसों से अमेरिका ही रहा है। यह खेल बदस्तूर चलता आ रहा था, लेकिन पहलगाम ने पूरा रुख बदल दिया।
पहलगाम हमले के तुरंत बाद अमित शाह जी कश्मीर पहुंच गए, और फिर देर रात होते होते बहुत कुछ साफ हो गया कि,
"ये अकेले पाकिस्तान की हिमाकत नहीं हो सकती"
इसके बाद चीन ने फटे में टांग डालते हुए पाकिस्तान का समर्थन कर दिया, जबकि मोदी जी ने जब सबसे पहले जेडी वेंस से बात किए तो एक ही सवाल पूछे "आतंकियों तक अत्याधुनिक अमरीकी हथियार (कुछ 2022 के बाद निर्मित) कैसे पहुंचे, जिसके जवाब में अगले दिन वेंस ने भारत को समर्थन दे दिया।
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फिर शुरू हुआ सिंदूर का कहर, इसकी चोट पाकिस्तान, चीन और अमेरिका तीनों को बराबर लगी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिका ने फिर से भारत पर बेहद घातक हमले का प्लान तैयार किया लेकिन तब तक ....
भारत ने घोषणा कर दिया कि "ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, केवल स्थगित हुआ है। अब जो भी आतंकी हमला भारत पर होगा उसका पहला सीधा जिम्मेदार पाकिस्तान को मानते हुए तत्काल्ल कार्यवाही होगी। अब केवल आतंकी नहीं बल्कि उनके आकाओं को भी सजा दी जाएगी"
इससे पाकिस्तान की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई। तब तक सिंधु जल समझौते जैसे कई नियम भारत ने हथियार के तौर पर पाकिस्तान पर दाग दिए।
इससे अमरीकी प्लान को ना केवल पाक सेना ने बल्कि उसके यहां बैठे आतंकियों के सरदारों ने भी नकार दिए।
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इस बीच हुआ ये कि अजित डोभाल जी और जयशंकर जी ने रूस और चीन को साथ लेकर कन्फर्म करा दिए कि ऑपरेशन सिंदूर से असली शिकार अमेरिका बना है, ना कि चीन। इस कहानी में ट्विस्ट ये आया कि चीन को लगने लगा कि यदि भारत के साथ उसके संबंध सुधरते है, तो वो सीधे अमेरिका को भी पछाड़ सकता है क्योंकि वर्तमान में चीन का रास्ता केवल अमेरिका ही रोकता है।
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इस बीच ट्रंप ने सोचा कि मोदी जी और मुनीर को एक साथ बैठा भर लूं, फिर तो जो कहूंगा वह दुनिया मानेगी ये समझते हुए उसने मोदीजी को कनाडा से सीधे अमेरिका आने का संदेश भेजा, जिसे मोदी जी ने एक लाइन में ठुकरा दिए।
इसके बाद जब वह साइप्रस , मॉरिशस जैसे छोटे देशों की यात्रा पर निकले तो उन देशों ने यह समझते हुए कि "मोदी जी ने हमारे लिए अमेरिका का न्योता ठुकरा दिए" उनका जबरदस्त स्वागत कर दिए।
इधर ट्रंप ने अपनी चाल बदलकर चीन को अपनी तरफ करने की कोशिश किया, लेकिन चीन ने भी रूस को ऊपर रखा।
फिर दूसरी चाल चली गई, अब आतंकी कारोबार पाकिस्तान से हटाकर दूसरे देश में ले जाने का। इसके लिए बांग्लादेश को चुना गया और अब उसकी तरफ पाक के रास्ते अमेरिका हाथ मिलाना चाह रहा है। लेकिन बांग्लादेश की पहले ही लगी पड़ी है। कब मोदी जी किधर से क्या कर देंगे यह सोचकर तो उसकी हलक सूखी पड़ी है, साथ ही अब चीन भी उसे भाव देना बंद कर दिया है।

अब अमेरिका को शायद पश्चिम बंगाल या केरल के रास्ते अपना मकसद पूरा करने का अवसर मिलने वाला है, लेकिन यहां भी मुश्किल पाकिस्तान की ही बढ़ेगी क्योंकि पुख्ता खबर है बांग्लादेश और नेपाल की सीमा पूरी तरह से सीलबंद है, जो थोड़ा बहुत है वह पंजाब के रास्ते ही हो सकता है।
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खैर ,
अभी देखना ये बाकी है कि भारत को अस्थिर करने के लिए अमेरिका यहां के किस दल को, किस व्यक्ति को और किन संगठनों को पैसे पहुंचाएगा।
#डब्बू_मिश्रा

1 month ago | [YT] | 1