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2 कैंडिडेट का कांटेक्ट नंबर रिसीव नहीं किया जा रहा है जिस कारण से समर स्पेशल मेगा इवेंट अवार्ड गिवअवे डिलीवर नहीं हो पा रहा है साथ ही उनका एड्रेस भी ग़लत है ।
आज 3 rd टाइम अगर संपर्क नहीं हो पाता है तो गिवअवे रिटर्न हो जाएगा ।
बाकी सभी कैंडिडेट का गिवअवे डिलीवर्ड हो चुका है ।
अगर किसी कैंडिडेट को लगता है कि उन्हें अभी भी गिवअवे नहीं मिला है तो जॉइन लिंक भ्रजे जाने वाले ईमेल आईडी पर संपर्क करे ।
1 month ago | [YT] | 1,660
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🎉 बधाई 🎊, Summer Special Mega Event Award 2025 का गिवअवे निकल चुका है ।
टोटल 48 कैंडिडट ने पार्टिसिपेट किया था जिसमे से 12 कैंडिडेट को 5 book सेट, 3 कैंडिडेट को 2 बुक सेट और बाकी सभी पार्टिसिपेंट को संविधान की किताब दी गई है।
सिर्फ एक कैंडिडेट जिन्होंने बिना फॉर्म भरे पार्टिसिपेट किया था उनकी डिटेल्स न होने के कारण उन्हें नहीं भेजा सका है।
सभी पार्टिसिपेट अपने दिए कांटेक्ट नंबर पर नजर बनाये रखें।
अगर अगले एक हप्ते में आपको गिवअवे न रिसीव हो तो जिस ईमेल से जॉइन लिंक मिला था उसपर डिटेल्स के साथ ज़रूर इन्फॉर्म करे।
1 month ago | [YT] | 2,771
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Summer Special Mega Event 2025 में फॉर्म भरने वाले सभी कैंडिडेट को उनके दिए ईमेल पर मेल कर जॉइन लिंक भेजा जा चुका है। अगर किसी को इनबॉक्स में जॉइन लिंक न दिखे तो अपना स्पैम फोल्डर चेक करे । टाइम से लाइव में जुड़कर अपना टैलेंट प्रदर्शित करे।
टॉप 10 को स्पेशल गिअवे के साथ साथ हर पार्टिसिपेंट को मिलेगा गिवअवे इसलिए इस शानदार मौक़ा का हाथ से न जाने देवे।
आज 7:00pm, 29Jun2025, Rational World Youtube live देखना न भूले।
1 month ago | [YT] | 1,959
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Summer Special Mega Event 2025, में है मल्टीपल प्राइज जितने का सुनहला मौक़ा।
आप किसी भी सॉंग, म्यूजिक साथ सॉंग, कविता के साथ बहुजन महापुरुषों/ संघर्ष का 5 मिनट लाइव गा कर जीत सकते है सुनहला अवार्ड।
Event Date : 7pm, 29 June 2025 on Rational World Youtube channel.
फॉर्म भरने की आखिरी डेट 5pm, 27 June 2025.
नीचे दिए फॉर्म में सही जानकारी भर कर आप भी अप्लाई करे।
इवेंट में पार्टिसिपेट करने हेतु लिंक 28-29June 2025 तक आपके दिए हुए ईमेल पर सेंड किया जाएगा।
forms.gle/fG35H3XPqpDexGsa6
2 months ago (edited) | [YT] | 1,584
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इमरजेंसी अलार्म💣
अगले 100 सालों में भारत होने जा रहा मुस्लिम बहुल देश । अगर बच्चे पैदा करने पर तत्काल प्रभाव से बेहद ही कठोर नीति न लगाई गई तो कोई माई का लाल और काल्पनिक ईश्वर अल्लाह गॉड भी इसे न रोक पाएगा।
राइट विंग क्लेम: 2050 तक भारत मुस्लिम राष्ट्र बन जाएगा
लेफ्ट सेंटर विंग जवाब- फेक न्यूज़ मत फैलाओ, नहीं बन पाएगा क्योकि मुस्लिम की फर्टिलिटी रेट कम हो गई है। (बहुजन भी इस झासे में फँसे हुए)
लेकिन भारत तो मुस्लिम बहुल बनकर रहेगा चाहे 2050 न सही 2150 ही सही ।
तो सवाल है कब तक भारत मुस्लिम बहुल राष्ट्र बनेगा:
सही जवाब: अभी 100 साल और लगेंगे तब मुस्लिम डॉमिनेंट हो पाएंगे।
सवाल: लेकिन मुस्लिम की फर्टिलिटी रेट कम हो गई है और हिंदू तो 100 करोड़ है मुस्लिम मुस्किल से 22 करोड़ फिर कैसे बनेगा मुस्लिम बहुल देश भारत ।
सही जवाब: क्योकि फर्टिलिटी रेट सभी धर्मो की कम हुई है लेकिन मुस्लिम की फर्टिलिटी रेट बाकी धर्मो की तुलना में अभी भी बहुत अधिक है और दनादन जनसंख्या प्रतिशत तेजी से बढ़ता जा रहा है। यही नहीं पूरे विश्व में दनादन सबसे तेजी से जनसंख्या बढ़ती जा रही है । एक बात और मुस्लिम आबादी धर्म परिवर्तन से नहीं बढ़ रही बल्की ज़्यादा बच्चे पैदा करने से बढ़ रही ।
pew रिसर्च के अनुसार जितने लोग इस्लाम में कन्वर्ट होते है उतने ही हर साल इस्लाम छोड़ देते है इसलिए कन्वर्शन का फ़र्क़ नहीं पड़ता ।
अन्य धर्मो में शादी 27 से 35 साल की उम्र में हो रही है वो कैरियर बनाने के बाद शादी करने को तरजीह देते है जबकि मुस्लिम में 18 से 25 के बीच ही शादी कर देते है यानी अन्य धर्म वाले जबतक 2 पीढ़ी में जाते है तबतक मुस्लिम तीसरी पीढ़ी में पहुँच जाते है इसलिए हम दो हमारे दो नियम लागू होने के बाद भी मुस्लिम की संख्या कंट्रोल नहीं होगी वो तेज़ी से बढ़ती रहेगी ।
तीन डेटा (उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल) में मुस्लिम की अन्य धर्मो की तुलना में बढ़ती भयंकर तेजी से जनसंख्या % प्लस फ़र्टिलिटी रेट संलग्न कर रहा हूँ ।
और भी डेटा है लेकिन अभी इतना ही।
सभी माई के लाल को ओपन डिबेटे चैलेंज है Sunday 7:30pm Rational World YT live में judkar मुझे ग़लत साबित करे और जीते इनाम ।
2 months ago | [YT] | 1,712
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दोस्तों आज स्ट्रीमयार्ड डाउन चल रहा है इसलिए लाइव में कई तरह की प्रॉब्लम आई थी और एंड भी नहीं शो हो रहा होगा । उम्मीद है स्ट्रीमयार्ड प्रॉब्लम जल्द ही सोल्व कर देगा ।
आप सभी को धन्यवाद
2 months ago | [YT] | 1,712
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बेगम साहिबा जवान हुई, प्यार हिलोरे मारने लगा लेकिन अब्बू शाहजहां के समय तक मुगल बेटियों की शादी करना बंद किया जा चुका था क्योकि हमेशा डर रहता था की दामाद जीजा फूफा कहीं सत्ता का हकदार न बन जाय।
घत जातक में सर्वमान्य कहानी की बहन का बेटा मामा कंस उपकंस हत्या करके सत्ता छीन लेगा इसके वावजूद शादी का हक नहीं छीना गया था मुगलो ने प्रेरणा लेते हुए घर की बेटियों की शादी से ही मनाही कर दी। न शादी होगी न बच्चे होंगे न कोई प्रतिद्वंदी होगा। कुछ भारतीय कबीले मुगल पूतों से इतने प्रभावित हुए की लड़की जन्म लेते ही जिंदा दफना देते तो नमक खिला के मारने लगे।
खैर मुद्दे पर आते है।
शाहजहां की बड़ी बेटी बेगम साहिबा की जवानी सबपर भारी थी ऊपर से खूबसूरत जिनकी चर्चाए पूरे शहर में थी।
बेगम साहिबा की नज़रे एक सामान्य सुंदर युवक से मिली आँखे चार हुई दो दिल एक हो गए। फिर क्या मिलना जुलना जारी हुआ। शाहजहां का पहरा बेगमसाहिबा पर तगड़ा था भनक लगी।
रंगे हाथ पकड़ने शाहजहां, बेगम साहिबा के महल में पहुँचे ।
साहिबा घबरा उठी। प्रेमी को छुपाने की कोई जगह नहीं मिली तो आग जलाने वाली देगी में ही लिटा दिया।
शाहजहां भारत का बादशाह था अपने बीबी बच्चों से बहुत प्यार करता था।
शाहजहां का प्यार बातो वाला नहीं रिजल्ट देता था ।
प्यार इतना की आठवा रिजल्ट पैदा करते प्रसव पीड़ा में एक बीबी रुखसत कर गई थी नतीजा ताजमहल था।
खैर मुद्दे से भटकने नहीं है।
शाहजहां मझा हुआ खिलाड़ी था, पचासो जवानी चख चुखा था।
बिना किसी शिकन भाव के अपनी बेटी को अहसास नहीं होने दिया की किस मकसद से आया है बोला साहिबा कैसी हो ?
हाल चाल लेकर उसे नहाने, फ्रेश होने के लिए भेज दिया ।
बादशाह की नजर से बेचारा प्रेमी कैसे बचता उधर साहिबा हम्माम में गई और इधर शाहजहाँ के नौकर देगी में लकड़ी जलाने लगे बेचारा प्रेमी, जितना प्रेम नहीं किया उसेसे ज़्यादा जलते हुए भट्ठे में जल कर खाक हो गया । इस्लाम में जवान लड़के लड़कियों का प्रेम कितना जायज़ है पता नहीं लेकिन मुग़ल की बेटियों के प्रेमी को यही जमीं पर जलती भट्टी नसीब हुई ये इतिहास है ।
लेकिन जवान शरीर की ज़रूरत को चाहे कितना भी दबाया जाय इच्छायें मरती नहीं ।
एक गया दूसरा पसंद आ गया ।
कुछ दिनों तक लुका छिपी प्रेम मुहब्बत चलता रहा ।
एक बार फिर बादशाह को भनक लगी और इस दूसरे प्रेमी का भी वही हश्र किया गया ।
एक बार फिर बेगम साहिबा तन्हा थी लेकिन शरीर की ज़रूरत ने फिर हिलोरे मारी ।
इस बार साहिबा ने ख़ुद को अपग्रेड किया सोची अब किसी ऐसे लेवल के लौंडे से इश्क़ करूँगी जिससे शाहजहाँ से लेकर दारा शिकोह हो या औरंजेब किसी को आपत्ति न हो ।
सो साहिबा ने इस बार जवान ईरानी सुंदर दरबारी को चुना जो शिया था। दरबार के लोग भी उसको पसंद करते थे ।
दारा शिकोह को जब अपनी बहन के तीसरे प्रेमी को पता चला तो उसने प्रॉमिस तक कर डाला की बहन मुझे सत्ता मिलने में मदद कर मैं सारे नियम तोड़ तेरी इश्क़ को निकाह में बदल दूँगा ।
शाहजहाँ का मामा तो चार कदम आगे निकल गया । उस जवान शिया का रिश्ता भरे दरबार में लेकर शाहजहाँ से प्रस्तावित कर दिया ।
शाहजहाँ को पहले से ही शक था कि उसकी ख़ूबसूरत बेटी फिर कहीं चक्कर चला रही है, शक यकीन में बदल गया ।
शाहजहाँ ने मामा ने कहा उसे दरबार में हाज़िर करो हम ख़ुद उससे मिलना चाहते है ।
सब दरबारी ख़ुश हो गए चलो अब मुग़ल बेटी का निकाह होना सुरु हो जाएगा ।
जवान शिया भरे दरबार में आया । शाहजहाँ ने उसे पान खाने को दिया । दरबार में बादशाह के द्वारा पान दिया जाना सम्मान की बात थी । तीसरे प्रेमी ने पान लिया और खा लिया।
कुछ देर में शिया प्रेमी जमीं पर लुढ़का तड़प तड़प कर मर गया । सारे दरबारी सन्न थे । आख़िर औरंगज़ेब का बाप शाहजहाँ ही तो था।
मुग़ल बेटी न ही प्रेम कर सकती है न ही प्रेम विवाह। इस नियम का पालन करना शाहजहां ने पूरे भारत को सिखाया ?
क्या तब से मुगलों की औलादे ये नियम मानते हुए आ रहे है?
आज भी शाहजहां की संताने पूरे भारत में पायी जाती है जो अपने बच्चे बच्चियो को स्कूल कॉलेज में भेजते समय यही सिखाते है तुम्हें प्रेम करने का हक नहीं है और हा गलती से भी दूसरी जाति में तो कतई प्रेम मुहब्बत मत करना वहाँ शाहजहां पापा वाला हाल करेंगे ।
तो सवाल यह है की शाहजहां पूरे भारत का बादशाह था तो सभी ने बिना धर्म देखे इस नियम का पालन करना जारी रखा ?
(उपरोक्त इतिहास की थीम 17 वी सदी में शाहजहां के समकालीन भारत यात्रा करने वाले फ़्रांसीसी डॉ बर्नियर की भारत यात्रा से लिया गया है ।)
अगर किसी को डाउट है तो ख़ुद किताब पढ़ कर वेरीफाई कर लेवे ।
2 months ago | [YT] | 2,531
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अंधविश्वास, पाखंड, कर्मकांड, आसमानी शक्तियों, चमत्कारो की नसबंदी करने तथा समस्त महिलाओं सहित, सभी वर्ग को समान अधिकार देने तथा हज़ार साल से दूसरो का हक़ मार कर खाने, शोषण करने वाले हैवानो को भी इंसान बनने का मौक़ा देने वाले दुनिया के सबसे बड़े डॉक्टर, डॉ बाबा साहब के जन्मदिन पर सभी को मंगलकामनाये।
#Babasaheb
#DrBRAmbedkar
#drbrambedkarjayanti
#बाबासाहेबआंबेडकर
4 months ago | [YT] | 8,160
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माता सावित्री बाई फूले के ऊपर मल मूत्र कौन और क्यो फेकता था ?
AI Grok ने कर दिया सबका मुंह बंद
राष्ट्रपिता ज्योतिराव फूले जी के जन्मदिन की हार्दिक मंगलकामनाये।
#phulejayanti
#jyotibaphulejayanti
#jyotibaphule
#Aigrok
4 months ago | [YT] | 5,425
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क्या बुद्ध ने हिंदू धर्म में व्याप्त कुरीतियों के ख़िलाफ़ अलख जगाई और तब बुद्ध धम्म अस्तित्व में आया ?
जवाब है नहीं कतई नहीं अंतिम तक ध्यान से पढ़े ।
बद्धिज्म की व्याख्या पूरी तरह से ग़लत ढंग से स्कूल कॉलेज में ब्राह्मणों ने परोसी है ।
असल में अंग्रेजों के आने से पहले भारत का सबसे पुराना धर्म बुद्ध ही था और पूरा इतिहास बुद्ध धम्म के इर्द गिर्द घूमता था ।
बुद्ध की गाथा बुद्धचरित में बुद्ध की माता के सपनों में बोधिसत्व हाथी और पद्म यानी कमल का फूल दिखते है जो बुद्धिज्म का प्रतीक है न की कोई हिंदू या वैदिक देवी देवता या विष्णु ।
यानी बुद्धिज्म में बुद्ध बोधिसत्व है जिसकी प्रथा बुद्ध से काफ़ी पहले से चली आ रही है ।
बुद्ध के 84000 सुत्तो में पहला उपदेश से आख़िरी उपदेश तक कहीं भी वैदिक धर्म या हिंदू धर्म या उनका ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद अथर्वेद उपनिषद रामायण महाभारत गीता स्मृति या पुराणों का जिक्र नहीं हैं।
न ही फाहयान ने न ही इत्सिंग ने न ही ह्यूएनसंग ने न ही हंचो ने न ही मैग्स्थनीज़ ने किसी हिंदू या वैदिक धर्म का जिक्र किया है ।
सभी को भारत में बमन समण परम्परा दिखी जिसमे समण भारतीयो का राजाओ का रिचुअल फंक्शन कराते थे चिकित्सा करते थे और बमण यानी इनलाइटेड भीखू बुद्ध धम्म का पठन पाठन सहित समथ और विपश्यना में पारगंत होने के कारण बुद्धिज्म का प्रचार प्रसार का कार्य करते थे।
यही नहीं बुद्ध के वचनों में पूर्व बुद्ध का जिक्र आता है सम्राट असोक, कोणागमन बुद्ध के स्तूप दुबारा बनवाने का जिक्र नीलगीहवा इंस्क्रिप्शन में करते है फिर 1994 में उस स्तूप की एक्सकवेशन से पता चलता है की 900 BC कोणागमन का टाइम पीरियड था ।
बुद्ध के शसुर का नाम सुप्तबुद्ध था ।
यानी बुद्ध के समय ऑलरेडी पूरा भारत बुद्धमय था, बुद्ध तो 28 वे बुद्ध थे जिन्होंने धम्मचक्क पवतन किया यानी धम्म को आगे बढ़ाया ।
यही कारण था की बुद्ध के परिनिब्बान पर पूरे भारत के सम्राट उनके अस्थियों पर स्तूप बनवाने के लिए आपस में संघर्ष करने को तैयार थे अगर वो हिंदू होते तो बुद्ध की अस्थिया गंगा में बहाने की बात करते स्तूप क्यो बनवाते?
यही नहीं फहायाँ ने 408 CA में तीन पूर्व बुद्ध के स्तूप अपने आँखो से देखे ।
629 CA में वही तीनों पूर्व बुद्ध के स्तूप अपनी आँखोंसे ह्यूएनसंग ने भी देखा था और गांधार में चौथे बुद्ध की उपासन उस समय में भी होती थी उसका भी जिक्र किया ।
सन्नाती कर्नाटक में पूर्व बुद्ध का लिखित स्तूप और मूर्ति भी पहली सदी की मिल गई ।
अजंता भरहुत और सांची में भी पूर्व बुद्ध के सबूत लिखित और चित्रित मिले ।
पर कहीं भी न बुद्ध के पहले विष्णु का जिक्र नहीं मिला नहीं वैदिक या हिंदू धर्म का जिक्र मिला ।
सिर्फ कागज के पन्नो पर बुद्ध के समय या उनसे पहले हिंदू या वैदिक् धर्म स्थापित किया गया है इसलिए पुरातत्व सबूत कुछ नहीं मिलता और सबूत के नाम पर बुद्ध धम्म के पाली शब्दों की जबरबान ग़लत व्याख्या और ग़लत अर्थ निकाल को ख़ुद को सबको वेवकूफ़ बनाने की प्रथा चलाई गई है ।
इसलिए सुधर जाय जो लोग भी बुद्ध को हिंदू धर्म या वैदिक धर्म में सुधार या विष्णु का अवतार के लिए प्रचार करने की असफल कोशिश में लगे है ।
निष्कर्ष: बुद्ध धम्म ही सनातन है और पूर्व बुद्ध के माध्यम से चला आ रहा है इसलिए उसे बुद्ध ने धम्मपद यमकवग्गों के पाँचवे सूत में बुद्ध ने सनातन कहा है और भारत का पहला और आख़िरी भी यही धम्म रहेगा ।
4 months ago | [YT] | 3,386
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