सिर्फ जंगल छोड़ा है याद रखना शेर आज भी है हम भारी तो नही
फिर भी हल्के में मत लेना कोरे पन्नो में लाल शियाही होगी
मेरी जान अब तो सिर्फ तबाही होगी