Vandana Kumari

मन के ❤️✍️
मन के अथाह सागर में
कितने सिप्पियों में मोती भरें है
जो निकल कर बाहर
इस दुनिया में जगमगाते रहें हैं
मन के मोतियां जब प्रेम से माला बनाएं
तब हंसते-खेलते परिवार नजर आए
घर-आंगन में हर दिन त्योहार नजर आए
अपने मन के मोतियों से सजाएं अपना घर-आंगन
खिलते मिलेंगे सारे अपनों के चेहरों पर चमक
जब घर में रहेगी खुशियों के बहारें
तब ईश्वर भी मां-बाप के रूप में खुश नजर आए
जिनके घर-आंगन में खिलखिलाते अपने हंसते हैं
वो घर तो स्वर्ग से भी सुंदर दिखतें है
तब ईश्वर भी बरसातें है प्रेम का सागर
जिस हुदय में प्यार,सम्मान और आदर-भाव
का हो संगम वो हुदय ही बन जाए पावन
मन वो मजबूत मिलें जो मन विश्वास से भरे मिलें
विश्वास समर्पण प्रेम भाव ईश्वर को बहुत भाए
जिस हुदय में सबके प्रति प्रेम नजर आए
मन के अथाह समन्दर में मिले सबके लिए
प्रेम सम्मान और आदर-भाव तो मन भी
हमेशा खुशियों से खिलखिलाता मिलें
प्रेम रूपी हृदय में हमेशा सबके लिए
प्रेम जगाए रखें इसे देख कर ईश्वर भी खुशी से
आपके आंचल को खुशियों से भर जाए
मानवता का यही मोल है सबका सम्मान और प्यार देना
अपने जिह्वा पर संयम रखना
कभी किसी को अपशब्द नहीं कहना
अपशब्द से दिल होते हैं उदास चाहे अपने हो या
हो किसी का इस लिए कभी गलत नहीं बोलिए
मीठे बोल होते हैं अनमोल जो भाए हर दिल को
इस लिए बोलिए प्यारे मीठे बोल जो रखेंगे
आपको याद सब लोग प्रेम के बोली हर दिल भाए
बस इस मन में प्रेम करुणा शांति और सुकून भर जाए
तब ये मन के मोती भी चमकते और खिलते मिलेंगे
मन के मोतियों को प्रेम से खिलने दें और साथ,सहयोग
प्रेम सम्मान और समर्पण से अपने घर-आंगन को
खुशियों से सींचते रहे
अपनों के चहरे पर मुस्कान सदा बनी रहे यही प्रयास हमेशा कीजिए ..!
💖✍️ वन्दना ✍️ 💖

1 month ago | [YT] | 21