आज आपको बताती हूं आखिर मुझे क्या हुआ था कहते हैं डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं जब हम किसी बड़ी बीमारी का शिकार होते हैं तो कहते हैं दवा और दुआ दोनों काम आते हैं दुआ तो हम सभी अपने महाकाल से कर ही रहे थे लेकिन मेरा इलाज कर रही थी मेरी यह डॉक्टर निधि सिंघवी जो कानपुर में रीजेंसी हॉस्पिटल में डॉक्टर है कई डॉक्टर के यहां जाने के बाद जब मैं इन डॉक्टर के यहां पहुंची तो दिल से एक आवाज आई की ये डॉक्टर शायद मेरी और मेरे बच्चे की जान बचा सकती है हालांकि निधि मैंम ने भी बोला था कि रिस्क काफी ज्यादा है बेटा लेकिन हम पूरी कोशिश करेंगे आपको बचाने की लेकिन बच्चे का तो बहुत ज्यादा मुश्किल है क्योंकि किसी भी महीने में आपको ब्लीडिंग या दर्द हो सकता है और हमारी पहली कोशिश मां को बचाने की रहती है इसलिए हम तुरंत ही ऑपरेट कर देंगे अब मैं आपको बताती हूं मुझे हुआ क्या था मुझे था प्लेसेंटा accreta था जिसमें प्लेसेंटा यूट्रस से बुरी तरह चिपक जाती है ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर निकलते भी है तो भी नहीं निकलती और नल की तरह ब्लीडिंग होती है और बाद में ये यूट्रस के बाहर जाने लगती है अगर इसकी जड़े ब्लैडर तक पहुंच जाती हैं तो पेशेंट को बचाना मुश्किल हो जाता है तो मुझे वही दिक्कत हो गई थी प्लेसेंटा की जड़े इतनी बड़ी हो गई थी की ब्लैडर में अंदर घुस गई थी जिसे प्लेसेंटा percreta कहते हैं जिसकी वजह से मेरे ब्लैडर की भी सर्जरी हुई मेरा यूट्रस भी निकल गया और साथ ही साथ पेट में मुझे एक कट नहीं दो कट करके सर्जरी की गई है इस तरह से मेरी तीन सर्जरी हुई मेरा ऑपरेशन पूरे 3 घंटे तक चला मुझे दो दिन वेंटिलेटर पर और उसके बाद दो दिन आईसीयू में रखा गया और साथ में 7 बोतल blood चढ़ाया गया और मुझे बचाने में सात आठ डॉक्टर की पूरी एक टीम लगी जिन्होंने समय से पहले आठवें महीने में ही मेरी डिलीवरी करके मेरे बच्चे की और मेरी जान बचा ली 🙏
मैं धन्यवाद करती ह निधि मैंम का जिन्होंने मेरी और मेरे बच्चे की जान बचाई मैं दिल से शुक्रगुजार हूं 🙏🙏 एक महिला से उसका पूरा परिवार जुड़ा होता है मुझे पूरे 9 महीने इतना डर सताया मैं हर दिन रोती थी कि कहीं अगर मुझे कुछ हो गया तो मेरे बच्चे मेरे पति मेरा पूरा परिवार बर्बाद हो जाएगा बाकी मैं और मेरा परिवार ही जानता है कि मेरे यह दिन कैसे गुजरे 😭🙏
Raksha ki Rasoi
आज आपको बताती हूं आखिर मुझे क्या हुआ था कहते हैं डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं जब हम किसी बड़ी बीमारी का शिकार होते हैं तो कहते हैं दवा और दुआ दोनों काम आते हैं दुआ तो हम सभी अपने महाकाल से कर ही रहे थे लेकिन मेरा इलाज कर रही थी मेरी यह डॉक्टर निधि सिंघवी जो कानपुर में रीजेंसी हॉस्पिटल में डॉक्टर है कई डॉक्टर के यहां जाने के बाद जब मैं इन डॉक्टर के यहां पहुंची तो दिल से एक आवाज आई की ये डॉक्टर शायद मेरी और मेरे बच्चे की जान बचा सकती है हालांकि निधि मैंम ने भी बोला था कि रिस्क काफी ज्यादा है बेटा लेकिन हम पूरी कोशिश करेंगे आपको बचाने की लेकिन बच्चे का तो बहुत ज्यादा मुश्किल है क्योंकि किसी भी महीने में आपको ब्लीडिंग या दर्द हो सकता है और हमारी पहली कोशिश मां को बचाने की रहती है इसलिए हम तुरंत ही ऑपरेट कर देंगे
अब मैं आपको बताती हूं मुझे हुआ क्या था मुझे था प्लेसेंटा accreta था जिसमें प्लेसेंटा यूट्रस से बुरी तरह चिपक जाती है ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर निकलते भी है तो भी नहीं निकलती और नल की तरह ब्लीडिंग होती है और बाद में ये यूट्रस के बाहर जाने लगती है अगर इसकी जड़े ब्लैडर तक पहुंच जाती हैं तो पेशेंट को बचाना मुश्किल हो जाता है तो मुझे वही दिक्कत हो गई थी प्लेसेंटा की जड़े इतनी बड़ी हो गई थी की ब्लैडर में अंदर घुस गई थी जिसे प्लेसेंटा percreta कहते हैं जिसकी वजह से मेरे ब्लैडर की भी सर्जरी हुई मेरा यूट्रस भी निकल गया और साथ ही साथ पेट में मुझे एक कट नहीं दो कट करके सर्जरी की गई है इस तरह से मेरी तीन सर्जरी हुई
मेरा ऑपरेशन पूरे 3 घंटे तक चला मुझे दो दिन वेंटिलेटर पर और उसके बाद दो दिन आईसीयू में रखा गया और साथ में 7 बोतल blood चढ़ाया गया और मुझे बचाने में सात आठ डॉक्टर की पूरी एक टीम लगी जिन्होंने समय से पहले आठवें महीने में ही मेरी डिलीवरी करके मेरे बच्चे की और मेरी जान बचा ली 🙏
मैं धन्यवाद करती ह निधि मैंम का जिन्होंने मेरी और मेरे बच्चे की जान बचाई मैं दिल से शुक्रगुजार हूं 🙏🙏
एक महिला से उसका पूरा परिवार जुड़ा होता है मुझे पूरे 9 महीने इतना डर सताया मैं हर दिन रोती थी कि कहीं अगर मुझे कुछ हो गया तो मेरे बच्चे मेरे पति मेरा पूरा परिवार बर्बाद हो जाएगा बाकी मैं और मेरा परिवार ही जानता है कि मेरे यह दिन कैसे गुजरे 😭🙏
1 month ago | [YT] | 938