अपना इष्ट देव
या
देवी कोई भी हो .
लेकिन उस देव शक्ति के सेवक या सेविकाएँ जरूर होती है.
जप के बाद उसकी सिद्धि के लिए हवन परम आवश्यक है ..
और इसी के लिए धूनी होती है जो भोग के रूप में शक्तियों को दिया जाता है.
अब क्योंकि बलि को तो हम एक सिरे से नकार देते है इसीलिए जरूरी है की
आप धूनी में मीठा और पंच मेवा जरूर डालें.
जिससे भोग की धूनी पूर्णता को हासिल हो.
इससे जिस उद्देश्य के लिए आपने धूनी दी है वो जरूर पूरा होगा ...
पंसारी जड़ी बूटी केंद्र
अपना इष्ट देव
या
देवी कोई भी हो .
लेकिन उस देव शक्ति के सेवक या सेविकाएँ जरूर होती है.
जप के बाद उसकी सिद्धि के लिए हवन परम आवश्यक है ..
और इसी के लिए धूनी होती है जो भोग के रूप में शक्तियों को दिया जाता है.
अब क्योंकि बलि को तो हम एक सिरे से नकार देते है इसीलिए जरूरी है की
आप धूनी में मीठा और पंच मेवा जरूर डालें.
जिससे भोग की धूनी पूर्णता को हासिल हो.
इससे जिस उद्देश्य के लिए आपने धूनी दी है वो जरूर पूरा होगा ...
8 months ago | [YT] | 12