क्रांतिदूत

संघ, भाजपा और "राष्ट्रीय अध्यक्ष" का सनसनीखेज़ नाटक!

राजनीतिक गलियारों में इस समय जबरदस्त हलचल है! संगठन और सत्ता के बीच संघर्ष अपने चरम पर है—"राष्ट्रीय अध्यक्ष" की कुर्सी किसे मिलेगी? क्या संगठन अपने मूल्यों पर अडिग रहेगा या सत्ता के रणनीतिकार अपनी चाल में सफल होंगे? क्या पार्टी का "चाणक्य" अब खुद को "चंद्रगुप्त" बनाने की तैयारी कर रहा है? क्या यह सत्ता संतुलन को हिला देने वाला सबसे बड़ा निर्णय साबित होगा?

इस विषय पर एक विस्फोटक और गंभीर लेख जल्द ही "दिवाकर की दुनाली" से आपके अपने Krantidoot.in पर प्रकाशित होगा!
तैयार रहें, पढ़ते रहें! 🔥

6 months ago | [YT] | 8



@cjauria

Missing your PATRIOTIC contents.

6 months ago | 0