23 अगस्त को राजेश कुमार लिखित ' पगड़ी सम्भाल जट्टा' नाटक देखिए।
समय: 2 बजे दोपहर। स्थान: इंडिया इंटरनेशनल सेंटर आडिटोरियम, लोदी रोड, नई दिल्ली।
प्रवेश निशुल्क। पहले आइए, पहले सीट पाइए। आप सभी सादर आमंत्रित है। आप स्वयं नाटक देखने आइए और अपने दोस्तों को भी इसकी सूचना फारवर्ड कर सहयोग कीजिए। अस्मिता थियेटर के इस नाटक का मंचन साहित्योत्सव: जश्न-ए-अदब के 14 वें फाउंडेशन दिवस के अवसर पर आयोजित होगा। नाटक में संगीत डॉ संगीता गौड़ का है।
ऊर्जा और जोश से ओतप्रोत, अस्मिता थियेटर का यह नाटक आजादी की लड़ाई के अमर क्रांतिकारियों शहीदे आज़म भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आज़ाद के विचारों और योगदान पर आधारित है। नाटक के निर्देशक अरविन्द गौड़ है।
पगड़ी संभाल जट्टा नाटक, भगत सिंह और उनके साथियों के आज़ादी के लिए किए गए संघर्ष और बलिदान की दास्तानं है। आज़ादी की लड़ाई के दौरान वह कैसे सपने देखते थे, किस तरह की डिबेट करते थे, क्या सोचते थे, उनके सपने, उनकी विचारधारा, इस नाटक का हिस्सा है।
यह नाटक भगत सिंह और उनके साथी क्रांतिकारियों के काम, विचार और उनकी जीवंतता की कहानी है। बहुत कम उम्र में देश के लिए कुर्बान हो जाने वाले इन नौजवानों की जीवन शैली, सामाजिक और राजनीतिक दर्शन इस नाटक में बखूबी उभरता है। उनका लक्ष्य सिर्फ़ गोरे अंग्रेज़ों को भारत से निकालना नहीं था। उनके लिए आज़ादी का अर्थ था, एक ऐसा सिस्टम जहां कोई किसी का शोषण न करे, अन्याय न हो, कोई असमानता न हो। नाटक में दर्शाये गए क्रांतिकारी विचार आज और भी ज्यादा प्रासंगिक और समकालीन हैं।
इन क्रांतिकारियों की जिंदगी, उनकी विचारधारा, उनकी सोच हमें प्रेरित करती है, हमें दिशा देती है ।
एक बेहतर समाज, बेहतर सिस्टम के लिए लड़ने के लिए हमे ताकत देती है। भगत सिंह और उनके साथियों के विचारों को जानना आज की पीढ़ी के लिए बहुत ज़्यादा ज़रूरी है। एक बेहतर भारत, बेहतर समाज के लिए ज़रूरी है कि हम उनकी सोच, उनकी दृष्टि, उनके मूल्यों और उनके सपनों को जाने और समझे।
Jashn-e-Adab
23 अगस्त को राजेश कुमार लिखित ' पगड़ी सम्भाल जट्टा' नाटक देखिए।
समय: 2 बजे दोपहर।
स्थान: इंडिया इंटरनेशनल सेंटर आडिटोरियम, लोदी रोड, नई दिल्ली।
प्रवेश निशुल्क। पहले आइए, पहले सीट पाइए। आप सभी सादर आमंत्रित है।
आप स्वयं नाटक देखने आइए और अपने दोस्तों को भी इसकी सूचना फारवर्ड कर सहयोग कीजिए।
अस्मिता थियेटर के इस नाटक का मंचन साहित्योत्सव: जश्न-ए-अदब के 14 वें फाउंडेशन दिवस के अवसर पर आयोजित होगा। नाटक में संगीत डॉ संगीता गौड़ का है।
ऊर्जा और जोश से ओतप्रोत, अस्मिता थियेटर का यह नाटक आजादी की लड़ाई के अमर क्रांतिकारियों शहीदे आज़म भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आज़ाद के विचारों और योगदान पर आधारित है। नाटक के निर्देशक अरविन्द गौड़ है।
पगड़ी संभाल जट्टा नाटक, भगत सिंह और उनके साथियों के आज़ादी के लिए किए गए संघर्ष और बलिदान की दास्तानं है। आज़ादी की लड़ाई के दौरान वह कैसे सपने देखते थे, किस तरह की डिबेट करते थे, क्या सोचते थे, उनके सपने, उनकी विचारधारा, इस नाटक का हिस्सा है।
यह नाटक भगत सिंह और उनके साथी क्रांतिकारियों के काम, विचार और उनकी जीवंतता की कहानी है। बहुत कम उम्र में देश के लिए कुर्बान हो जाने वाले इन नौजवानों की जीवन शैली, सामाजिक और राजनीतिक दर्शन इस नाटक में बखूबी उभरता है। उनका लक्ष्य सिर्फ़ गोरे अंग्रेज़ों को भारत से निकालना नहीं था। उनके लिए आज़ादी का अर्थ था, एक ऐसा सिस्टम जहां कोई किसी का शोषण न करे, अन्याय न हो, कोई असमानता न हो।
नाटक में दर्शाये गए क्रांतिकारी विचार आज और भी ज्यादा प्रासंगिक और समकालीन हैं।
इन क्रांतिकारियों की जिंदगी, उनकी विचारधारा, उनकी सोच हमें प्रेरित करती है, हमें दिशा देती है ।
एक बेहतर समाज, बेहतर सिस्टम के लिए लड़ने के लिए हमे ताकत देती है। भगत सिंह और उनके साथियों के विचारों को जानना आज की पीढ़ी के लिए बहुत ज़्यादा ज़रूरी है। एक बेहतर भारत, बेहतर समाज के लिए ज़रूरी है कि हम उनकी सोच, उनकी दृष्टि, उनके मूल्यों और उनके सपनों को जाने और समझे।
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3 weeks ago | [YT] | 9