अमेरिकी रिपोर्ट ने भारत को क्यों नीचा दिखाया? क्या पीएम प्रतिक्रिया देने की हिम्मत दिखाएंगे?
अमेरिकी सरकार के ही आयोग — United States-China Economic and Security Review Commission — की नई रिपोर्ट ने भारत की कूटनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट का दावा है कि:
1️⃣ 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान भारत पर सैन्य रूप से भारी पड़ा
और इसकी वजह थी चीन की दी गई उन्नत सैन्य तकनीक।
2️⃣ पहलगाम आतंकी हमला... इसे भी रिपोर्ट ने ‘आतंकी हमला’ मानने से इनकार कर दिया!
यानि भारत की बात, भारत का पक्ष, भारत की सुरक्षा चिंताएँ—सबको दरकिनार कर दिया।
ये सिर्फ डेटा का मसला नहीं, यह भारत की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की असफलता पर उंगली उठाता है।
देश की सरकार का प्रोपेगैंडा चले या भारत की प्रतिष्ठा बचे?
देश के भीतर:
गांधी–नेहरू को गाली देने में,
कांग्रेस को बदनाम करने में,
विपक्ष को राष्ट्रविरोधी दिखाने में,
IT Cell के झूठे नैरेटिव फैलाने में
सरकार और उसके समर्थक दिन-रात लगे रहते हैं।
लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जहाँ भारत की प्रतिष्ठा दाँव पर होती है—वहाँ सरकार जैसे गायब है।
सबसे शर्मनाक खुलासा: पाकिस्तान ने दिल्ली आतंकी हमले की जिम्मेदारी खुद ली!
पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (PoJK) के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक ने विधानसभा में कहा:
"लाल किले से लेकर कश्मीर के जंगलों तक हमने हमला किया। हमारे बहादुर जवानों ने ये कर दिखाया।"
यानी 10 नवंबर को लाल किले के बाहर हुए धमाके में पाकिस्तान की भूमिका का सार्वजनिक स्वीकारोक्ति!
15 भारतीय मारे गए। एक दर्जन घायल। और भारत सरकार? ✔️ न कोई सख्त प्रतिक्रिया ✔️ न कोई कूटनीतिक विरोध ✔️ न अमेरिकी राजदूत की तलब ✔️ न पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव
क्यों? क्या भारत की विदेश नीति अब सिर्फ चुनावी रैलियों में चलती है? सबसे बड़ा सवाल: भारत अमेरिकी राजदूत को समन क्यों नहीं कर रहा? जब अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट: भारत की सेना के खिलाफ झूठे संकेत देती है,
पाकिस्तान को बढ़ावा देती है,
आतंकी हमले को 'आतंकी हमला' मानने से इनकार करती है,
तो क्या भारत को औपचारिक रूप से आपत्ति दर्ज नहीं करानी चाहिए?
क्या भारत इतना कमजोर हो चुका है कि अंतरराष्ट्रीय झूठ पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं?
मूल सवाल सरकार से:
✔️ पाकिस्तान भारत की धरती पर हमला करने की बात कबूल करे—और आप चुप?
✔️ अमेरिका की आधिकारिक रिपोर्ट में भारत को कमजोर दिखाया जाए—और आप बेबस?
✔️ क्या राष्ट्रवाद सिर्फ विपक्ष को गाली देने तक सीमित है?
Azad Hind Awaaz
अमेरिकी रिपोर्ट ने भारत को क्यों नीचा दिखाया? क्या पीएम प्रतिक्रिया देने की हिम्मत दिखाएंगे?
अमेरिकी सरकार के ही आयोग — United States-China Economic and Security Review Commission — की नई रिपोर्ट ने भारत की कूटनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट का दावा है कि:
1️⃣ 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान भारत पर सैन्य रूप से भारी पड़ा
और इसकी वजह थी चीन की दी गई उन्नत सैन्य तकनीक।
2️⃣ पहलगाम आतंकी हमला... इसे भी रिपोर्ट ने ‘आतंकी हमला’ मानने से इनकार कर दिया!
यानि भारत की बात, भारत का पक्ष, भारत की सुरक्षा चिंताएँ—सबको दरकिनार कर दिया।
ये सिर्फ डेटा का मसला नहीं, यह भारत की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की असफलता पर उंगली उठाता है।
देश की सरकार का प्रोपेगैंडा चले या भारत की प्रतिष्ठा बचे?
देश के भीतर:
गांधी–नेहरू को गाली देने में,
कांग्रेस को बदनाम करने में,
विपक्ष को राष्ट्रविरोधी दिखाने में,
IT Cell के झूठे नैरेटिव फैलाने में
सरकार और उसके समर्थक दिन-रात लगे रहते हैं।
लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जहाँ भारत की प्रतिष्ठा दाँव पर होती है—वहाँ सरकार जैसे गायब है।
सबसे शर्मनाक खुलासा: पाकिस्तान ने दिल्ली आतंकी हमले की जिम्मेदारी खुद ली!
पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (PoJK) के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक ने विधानसभा में कहा:
"लाल किले से लेकर कश्मीर के जंगलों तक हमने हमला किया। हमारे बहादुर जवानों ने ये कर दिखाया।"
यानी 10 नवंबर को लाल किले के बाहर हुए धमाके में पाकिस्तान की भूमिका का सार्वजनिक स्वीकारोक्ति!
15 भारतीय मारे गए। एक दर्जन घायल।
और भारत सरकार?
✔️ न कोई सख्त प्रतिक्रिया
✔️ न कोई कूटनीतिक विरोध
✔️ न अमेरिकी राजदूत की तलब
✔️ न पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव
क्यों? क्या भारत की विदेश नीति अब सिर्फ चुनावी रैलियों में चलती है?
सबसे बड़ा सवाल: भारत अमेरिकी राजदूत को समन क्यों नहीं कर रहा?
जब अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट:
भारत की सेना के खिलाफ झूठे संकेत देती है,
पाकिस्तान को बढ़ावा देती है,
आतंकी हमले को 'आतंकी हमला' मानने से इनकार करती है,
तो क्या भारत को औपचारिक रूप से आपत्ति दर्ज नहीं करानी चाहिए?
क्या भारत इतना कमजोर हो चुका है कि अंतरराष्ट्रीय झूठ पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं?
मूल सवाल सरकार से:
✔️ पाकिस्तान भारत की धरती पर हमला करने की बात कबूल करे—और आप चुप?
✔️ अमेरिका की आधिकारिक रिपोर्ट में भारत को कमजोर दिखाया जाए—और आप बेबस?
✔️ क्या राष्ट्रवाद सिर्फ विपक्ष को गाली देने तक सीमित है?
✔️ क्या IT Cell ही आपकी विदेश नीति है?
.
1 month ago | [YT] | 14