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छैल जो छबीला सब रंग में रंगीला बड़ा,
चित्त का अड़ीला सब देवतों से न्यारा है।
माल गले सोहै, नाक मोती सेत जो है, कान
कुंडल मन मोहै, लाल मुकुट सीस धारा है॥
दुष्ट जन मारे, सब संत जो उबारे, 'ताज'
चित्त में निहारै प्रन प्रीति करनवारा है।
नन्दजू को प्यारा, जिन कंस को पछारा, वह
वृन्दावनवारा, कृष्ण साहब हमारा है॥
🌸🌺राधे-कृष्ण🌸🌺🙏

2 years ago | [YT] | 3