आज स्वतंत्रता दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। मगर एक सवाल यह भी है, क्या पश्चिम बंगाल में मानवता को शर्मशार कर देने वाली दरिंदगी का शिकार हुई एक महिला डॉक्टर जैसी घटनाएं एक स्वतंत्र देश की पहचान है। ऐसा नहीं है की यह इकलौती घटना है, हमने उत्तरप्रदेश के हाथरस, कठुआ गैंग रेप जैसी अनेकों अन्य घटनाएं अपने देश में देखी हैं। हमने यह भी देखा की कैसे इन घटनाओं के जिम्मेदार आरोपियों को सरकारें बड़ी बेशर्मी से बचाती रही हैं। एक ऐसा देश जहां पब्लिक सर्वेंट कहे जाने वाले कलेक्टर, कमिश्नर नवाबों की जिंदगी जीते हों। जनता के प्रतिनिधि कहे जाने वाले सांसद, विधायक का जनता की समस्याओं से कोई लेना देना ही ना हो। हमारे देश में कैसे धर्म के नाम पर एक विशेष वर्ग को अछूत बनाकर उसे पशुओं से भी बदतर जिंदगी जीने के लिए मजबूर किया गया, जो आज भी अनवरत जारी है। हमारे देश के लगभर सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज और ऑफिसेज में महिलाओं के लिये अलग शौचालय तक नहीं है, शायद यही पुरुष प्रधान समाज की पहचान है। हमारे देश के लगभग सभी सरकारी दफ्तरों में घूस लेने का कार्य अनवरत बड़ी बेशर्मी से चल रहा है, इक्के दुक्के मामलों में भ्रष्ट अधिकारी पकड़े जरूर जाते हैं मगर वह भी ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है। ऐसे हजारों कारनामे हमारे स्वतंत्र देश की पहचान बने हुए हैं। निंदा कटु जरूर होती है मगर यह जरूरी भी है, कहा भी गया है ’निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छबाय। बिन पानी साबुन बिना निर्मल करे सुहाए’ मगर इस चापलुशखोरी के युग में चापलुसो को चापलूसी में ही अपनी जिम्मेदारी महसूस होती है। अंत मे फिर से आप सभी को स्वतंत्रता के शुभकामनाएं, आशा है की आप सभी भारत देश को एक महान राष्ट्र बनाने में एक महत्वपूर्ण योगदान देंगे। आपका राम सोनी
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आज स्वतंत्रता दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
मगर एक सवाल यह भी है, क्या पश्चिम बंगाल में मानवता को शर्मशार कर देने वाली दरिंदगी का शिकार हुई एक महिला डॉक्टर जैसी घटनाएं एक स्वतंत्र देश की पहचान है। ऐसा नहीं है की यह इकलौती घटना है, हमने उत्तरप्रदेश के हाथरस, कठुआ गैंग रेप जैसी अनेकों अन्य घटनाएं अपने देश में देखी हैं। हमने यह भी देखा की कैसे इन घटनाओं के जिम्मेदार आरोपियों को सरकारें बड़ी बेशर्मी से बचाती रही हैं।
एक ऐसा देश जहां पब्लिक सर्वेंट कहे जाने वाले कलेक्टर, कमिश्नर नवाबों की जिंदगी जीते हों। जनता के प्रतिनिधि कहे जाने वाले सांसद, विधायक का जनता की समस्याओं से कोई लेना देना ही ना हो।
हमारे देश में कैसे धर्म के नाम पर एक विशेष वर्ग को
अछूत बनाकर उसे पशुओं से भी बदतर जिंदगी जीने के लिए मजबूर किया गया, जो आज भी अनवरत जारी है।
हमारे देश के लगभर सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज और ऑफिसेज में महिलाओं के लिये अलग शौचालय तक नहीं है, शायद यही पुरुष प्रधान समाज की पहचान है।
हमारे देश के लगभग सभी सरकारी दफ्तरों में घूस लेने का कार्य अनवरत बड़ी बेशर्मी से चल रहा है, इक्के दुक्के मामलों में भ्रष्ट अधिकारी पकड़े जरूर जाते हैं मगर वह भी ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है।
ऐसे हजारों कारनामे हमारे स्वतंत्र देश की पहचान बने हुए हैं।
निंदा कटु जरूर होती है मगर यह जरूरी भी है, कहा भी गया है ’निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छबाय। बिन पानी साबुन बिना निर्मल करे सुहाए’
मगर इस चापलुशखोरी के युग में चापलुसो को चापलूसी में ही अपनी जिम्मेदारी महसूस होती है।
अंत मे फिर से आप सभी को स्वतंत्रता के शुभकामनाएं, आशा है की आप सभी भारत देश को एक महान राष्ट्र बनाने में एक महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
आपका
राम सोनी
1 year ago | [YT] | 14