22 सितंबर 2025 को शारदीय नवरात्रि का पहला दिन है। इस दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है। नवरात्रि की शुरुआत निम्नलिखित विधि से की जाती है: कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त कलश स्थापना (घट स्थापना) नवरात्रि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। शुभ मुहूर्त: 22 सितंबर 2025, सोमवार को सुबह 06:12 बजे से 07:44 बजे तक। अभिजीत मुहूर्त: यह एक और शुभ मुहूर्त है, जो सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक रहेगा। पूजा की तैयारी सामग्री: कलश, गंगाजल, मिट्टी, जौ, आम के पत्ते, सुपारी, चावल, रोली, मौली, नारियल, और दुर्गा सप्तशती की पुस्तक। स्थान: घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) को साफ करके पूजा के लिए तैयार करें। कलश स्थापना की विधि एक मिट्टी के पात्र में थोड़ी मिट्टी डालकर उसमें जौ बो दें। कलश में गंगाजल, सुपारी, सिक्का, और अक्षत (चावल) डालें। कलश के मुख पर आम के पत्ते रखें और उसके ऊपर एक नारियल रखें। नारियल को मौली (लाल धागे) से लपेटें। कलश को जौ से भरे पात्र के बीच में रखें। देवी दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर को कलश के पास स्थापित करें। पूजा विधि कलश और माँ दुर्गा का ध्यान करते हुए पूजा शुरू करें। सबसे पहले कलश की पूजा करें। फिर दीपक जलाकर माँ दुर्गा की आरती करें। माँ शैलपुत्री का ध्यान करते हुए उनके मंत्रों का जाप करें। उनका मंत्र है: "ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः"। माँ को लाल फूल, लाल वस्त्र और भोग (हलवा, खीर या कोई मीठी वस्तु) अर्पित करें। नवरात्रि के व्रत का संकल्प लें। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इस तरह, पूरे विधि-विधान से पूजा करके आप नवरात्रि का शुभारंभ कर सकते हैं🕉️👏
Santoshi Rajput 21
22 सितंबर 2025 को शारदीय नवरात्रि का पहला दिन है। इस दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है। नवरात्रि की शुरुआत निम्नलिखित विधि से की जाती है:
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना (घट स्थापना) नवरात्रि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
शुभ मुहूर्त: 22 सितंबर 2025, सोमवार को सुबह 06:12 बजे से 07:44 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त: यह एक और शुभ मुहूर्त है, जो सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक रहेगा।
पूजा की तैयारी
सामग्री: कलश, गंगाजल, मिट्टी, जौ, आम के पत्ते, सुपारी, चावल, रोली, मौली, नारियल, और दुर्गा सप्तशती की पुस्तक।
स्थान: घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) को साफ करके पूजा के लिए तैयार करें।
कलश स्थापना की विधि
एक मिट्टी के पात्र में थोड़ी मिट्टी डालकर उसमें जौ बो दें।
कलश में गंगाजल, सुपारी, सिक्का, और अक्षत (चावल) डालें।
कलश के मुख पर आम के पत्ते रखें और उसके ऊपर एक नारियल रखें। नारियल को मौली (लाल धागे) से लपेटें।
कलश को जौ से भरे पात्र के बीच में रखें।
देवी दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर को कलश के पास स्थापित करें।
पूजा विधि
कलश और माँ दुर्गा का ध्यान करते हुए पूजा शुरू करें।
सबसे पहले कलश की पूजा करें। फिर दीपक जलाकर माँ दुर्गा की आरती करें।
माँ शैलपुत्री का ध्यान करते हुए उनके मंत्रों का जाप करें। उनका मंत्र है: "ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः"।
माँ को लाल फूल, लाल वस्त्र और भोग (हलवा, खीर या कोई मीठी वस्तु) अर्पित करें।
नवरात्रि के व्रत का संकल्प लें।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
इस तरह, पूरे विधि-विधान से पूजा करके आप नवरात्रि का शुभारंभ कर सकते हैं🕉️👏
4 days ago | [YT] | 2