#श्री कृष्णाजन्माष्टमी अपार हर्ष उल्लास एवं विधिवत श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजन अपने संस्थान द्वारा किया गया जिसमें छात्र राहुल के द्वारा बनाई गई भगवान श्रीकृष्ण जी का छवि अत्यंत आकर्षण का केंद्र बना
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें सिखाता है कि जैसे उन्होंने हर परिस्थिति में धैर्य, संतुलन और मुस्कान बनाए रखी — वैसे ही हमें भी अपने जीवन और स्वास्थ्य में संतुलन बनाए रखना चाहिए। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और सकारात्मक सोच से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि मन भी प्रसन्न रहता है | ```कृष्ण प्रेम, कृष्ण श्वास, कृष्ण से ही आश है। कृष्ण मोह, कृष्ण त्याग, कृष्ण से ही ज्ञान है। कृष्ण योग, कृष्ण तप, कृष्ण से ही ध्यान है।
कृष्ण सर्जन, कृष्ण पालन, कृष्ण से विनाश है। कृष्ण कर्ता, कृष्ण क्रिया, कृष्ण ही तो कर्म है। कृष्ण यम, कृष्ण नियम, कृष्ण गीतासार है।
कृष्ण साक्षी, कृष्ण जीवन, कृष्ण ही धर्म हैं। कृष्ण सुख, कृष्ण दुःख, कृष्ण हानि लाभ है। कृष्ण माया, कृष्ण जीव, कृष्ण ही ब्रह्मांड है।
कृष्ण पुण्य, कृष्ण पाप, कृष्ण मुक्ति द्वार है। कृष्ण शिव, कृष्ण ब्रह्म, कृष्ण हरि नाम है। कृष्ण रास, कृष्ण राग, कृष्ण श्रृंगार राधा है।
कृष्ण तेज, कृष्ण भाव, राधा, कृष्ण प्राण है। कृष्ण जीवन, कृष्ण मरण, कृष्ण जीव राधा है। कृष्ण सृष्टि, कृष्ण भक्ति, कृष्ण शक्ति राधा है।``` आप सभी को समर्पण विद्यापीठ कि तरफ से पुनित पर्व श्री कृष्ण जन्माष्टमी कि हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं - मनीष जी , प्रधान संस्थापक
Bihar Skill Express
#श्री कृष्णाजन्माष्टमी
अपार हर्ष उल्लास एवं विधिवत श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजन अपने संस्थान द्वारा किया गया जिसमें छात्र राहुल के द्वारा बनाई गई भगवान श्रीकृष्ण जी का छवि अत्यंत आकर्षण का केंद्र बना
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें सिखाता है कि जैसे उन्होंने हर परिस्थिति में धैर्य, संतुलन और मुस्कान बनाए रखी — वैसे ही हमें भी अपने जीवन और स्वास्थ्य में संतुलन बनाए रखना चाहिए।
संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और सकारात्मक सोच से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि मन भी प्रसन्न रहता है |
```कृष्ण प्रेम, कृष्ण श्वास, कृष्ण से ही आश है।
कृष्ण मोह, कृष्ण त्याग, कृष्ण से ही ज्ञान है।
कृष्ण योग, कृष्ण तप, कृष्ण से ही ध्यान है।
कृष्ण सर्जन, कृष्ण पालन, कृष्ण से विनाश है।
कृष्ण कर्ता, कृष्ण क्रिया, कृष्ण ही तो कर्म है।
कृष्ण यम, कृष्ण नियम, कृष्ण गीतासार है।
कृष्ण साक्षी, कृष्ण जीवन, कृष्ण ही धर्म हैं।
कृष्ण सुख, कृष्ण दुःख, कृष्ण हानि लाभ है।
कृष्ण माया, कृष्ण जीव, कृष्ण ही ब्रह्मांड है।
कृष्ण पुण्य, कृष्ण पाप, कृष्ण मुक्ति द्वार है।
कृष्ण शिव, कृष्ण ब्रह्म, कृष्ण हरि नाम है।
कृष्ण रास, कृष्ण राग, कृष्ण श्रृंगार राधा है।
कृष्ण तेज, कृष्ण भाव, राधा, कृष्ण प्राण है।
कृष्ण जीवन, कृष्ण मरण, कृष्ण जीव राधा है।
कृष्ण सृष्टि, कृष्ण भक्ति, कृष्ण शक्ति राधा है।```
आप सभी को समर्पण विद्यापीठ कि तरफ से पुनित पर्व श्री कृष्ण जन्माष्टमी कि हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं - मनीष जी , प्रधान संस्थापक
2 months ago | [YT] | 0