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एक बार एक आदमी एक अमेरिका के किसी शहर में यात्रा पर गया हुआ था और खो गया। वहां की भाषा उसे समझ में नहीं आ रहा था। तो वह बड़ा घबड़ा गया। और उस घबड़ाहट में उसे अपने होटल का नाम भी भूल गया, फोन नंबर भी भूल गया। अब तो उसकी घबड़ाहट और बढ़ गई कि अब मैं पूछूंगा कैसे? तो वह बड़ी उत्सुकता से देख रहा था कि रास्ते पर चलते-चलते कि कोई आदमी दिखाई पड़ जाये जो मेरी भाषा समझता हो। अमेरिका का कोई शहर और ये इंडियन। यह देख रहा है कि कोई सफेद चमड़ी का आदमी दिख जाये, जो मेरी भाषा समझता हो, या किसी दुकान पर अंग्रेजी में जगह का नाम लिखा दिख जाये, तो मैं वहाँ जाकर पूछ लूं। वह इतनी आतुरता से देखता चल रहा था, और पसीने-पसीने हो गया था कि उसे सुनाई ही न पड़ा कि उसके पीछे पुलिस की एक गाड़ी लगी हुई है और बार—बार हार्न बजा रही है। क्योंकि उस पुलिस की गाड़ी को भी शक हो गया है कि यह आदमी भटक गया है। दो मिनिट के बाद उसे हार्न सुनाई पड़ा। चौंक कर वह खड़ा हो गया, पुलिस उतरी और उसने कहा, "आप होश में हैं कि बेहोश? हम दो मिनिट से हार्न बजा रहे हैं, हमें शक हो गया है कि आप भटक गये हैं, खो गए हैं, बैठिए गाड़ी में!"
उसने कहा, "यह भी खूब रही! मैं खोज रहा था कि कोई बताने वाला मिल जाये, बताने वाले पीछे लगे थे। मगर मेरी खोज में मैं ऐसा तल्लीन था कि पीछे से कोई हार्न बजा रहा है, यह मुझे सुनाई ही न पड़ा। पीछे मैंने लौटकर ही न देखा।"

जिसे आप खोज रहे हैं, वह आपके पीछे लगा है। निश्चित ही परमात्मा हार्न नहीं बजाता, जोर से चिल्लाता भी नहीं, क्योंकि जोर से चिल्लाना आपकी स्वतंत्रता पर बाधा हो जायेगा। फुसफुसाता है, कान में गुपचुप कुछ कहता है। मगर आप इतने व्यस्त हैं, कहां उसकी फुसफुसाहट आपको सुनाई पड़े! आपका मन इतना शोरगुल से भरा है, उसमें इतना ऊहापोह चल रहा है, आप खोज में इस तरह संलग्न हैं।
जीवन में अक्सर हम सफलता, मार्गदर्शन और अवसरों की खोज में भटकते रहते हैं, जबकि वे हमारे बहुत करीब होते हैं। बस हमें अपनी सोच के शोर को थोड़ा शांत करना होता है, अपने भीतर की आवाज़ को सुनना होता है। जब आप खुद को व्यर्थ भटकने से बचाकर, सही दिशा में पूरे मन से प्रयास करेंगे, तो आपकी सफलता खुद आपको पुकारेगी।
आपका दिन शुभ हो💐💐

3 months ago | [YT] | 7