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छोटे से गाँव में एक गाय थी — गुलाबू, जो सफेद चमड़ी पर भूरे धब्बों वाली बड़ी प्यारी दिखती थी। गुलाबू हर सुबह गाँव के मंदिर के सामने बैठती, जैसे वह खुद भगवान का आशीर्वाद बाँटने आई हो। सब बच्चे उसे रोटी और गुड़ खिलाते थे।

एक दिन गाँव में एक बुरा तूफान आया। बारिश और तेज़ हवा से सब कुछ बर्बाद हो गया। उसी समय मंदिर के सामने एक छोटा-सा भूखा पिल्ला भीगता हुआ बैठा था। गुलाबू ने उसे देखा और अपनी बड़ी गरम साँसों से उसे सहलाने लगी। वह उसे अपने पैरों के बीच बैठा लेती, ताकि वह ठंड से बच सके।

धीरे-धीरे वह पिल्ला, जिसे गाँव वालों ने प्यार से मोती नाम दिया, गुलाबू के साथ बड़ा होने लगा। जहाँ गुलाबू जाती, मोती उसके साथ दौड़ता। गुलाबू भी उसे अपनी संतान जैसा प्यार करती। गाँव वाले यह अद्भुत प्रेम देखकर हैरान रह जाते।

एक दिन मोती को एक साँप ने काट लिया। वह दर्द से चिल्लाने लगा। गुलाबू ने जोर से रंभाया, गाँव वालों को बुलाया। सब लोग दौड़े और समय रहते मोती को बचा लिया गया। उस दिन सबने देखा कि इंसानों से भी बढ़कर जानवरों में कितना गहरा प्यार होता है।

गुलाबू और मोती अब गाँव की पहचान बन गए। मंदिर के बाहर गुलाबू के पास बैठा मोती हर आने-जाने वाले का दिल जीत लेता था।

सीख: सच्चा प्रेम ना तो भाषा देखता है, ना जाति — बस दिल से दिल का रिश्ता होता है।

3 days ago | [YT] | 1,584