हर रात मेरे घर में एक छोटी-सी रस्म होती है अथर्व रोते-रोते कहता है—मम्मा, मेरी तरफ मुँह करके सोओ मुझे गोदी में लो। उसकी मासूम ज़िद दिल पिघला देती है, और हर बार वो जीत ही जाता है।
उधर मेरी कुहू आँखों में हल्की नमी लिए चुपचाप खड़ी रहती है। छह साल से वही एक बात सुन रही है— ‘बेटा, वो छोटा है… उसे ज़्यादा जरूरत है। ये कहते हुए दिल में कितनी टीस उठती है, शायद एक माँ ही समझ सकती है।
लेकिन जब रात थोड़ा शांत हो जाती है, और अथर्व मीठी नींद में खो जाता है तब मैं अपनी बड़ी गुड़िया— कुहू को धीरे से सीने से लगा लेती हूँ। उसे गोद में भरकर ऐसे सुलाती हूँ जैसे उसके हिस्से का सारा प्यार उसी पल पूरा कर दूँ।
दो बच्चों की माँ होना बस यही सीखाता है प्यार कभी बँटता नहीं है, बस अलग-अलग तरीकों से बहता है। एक की ज़िद में माँ का दिल दौड़ता है, दूसरे की ख़ामोशी में माँ का दिल पिघलता है।
कौन-कौन है जो इस दौर से गुज़र रहा है? जहाँ एक बच्चा रोकर मम्मी को अपने पास खींच लेता है, और दूसरा बच्चा रोना रोककर भी मम्मी का दिल अपने पास खींच लेता है।
सच कहूँ माँ होने का असली सौंदर्य इन्हीं पलों में छिपा है। यही छोटे-छोटे लम्हे ज़िंदगी का सबसे बड़ा सुख हैं। इनके आगे न धन मायने रखता है, न दुनिया की कोई शोहरत… बस बच्चों की साँसें और माँ की गोद— यही सबसे बड़ी दौलत है।
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हर रात मेरे घर में एक छोटी-सी रस्म होती है
अथर्व रोते-रोते कहता है—मम्मा, मेरी तरफ मुँह करके सोओ
मुझे गोदी में लो।
उसकी मासूम ज़िद दिल पिघला देती है,
और हर बार वो जीत ही जाता है।
उधर मेरी कुहू
आँखों में हल्की नमी लिए चुपचाप खड़ी रहती है।
छह साल से वही एक बात सुन रही है—
‘बेटा, वो छोटा है… उसे ज़्यादा जरूरत है।
ये कहते हुए दिल में कितनी टीस उठती है,
शायद एक माँ ही समझ सकती है।
लेकिन जब रात थोड़ा शांत हो जाती है,
और अथर्व मीठी नींद में खो जाता है
तब मैं अपनी बड़ी गुड़िया— कुहू को
धीरे से सीने से लगा लेती हूँ।
उसे गोद में भरकर ऐसे सुलाती हूँ
जैसे उसके हिस्से का सारा प्यार उसी पल पूरा कर दूँ।
दो बच्चों की माँ होना बस यही सीखाता है
प्यार कभी बँटता नहीं है,
बस अलग-अलग तरीकों से बहता है।
एक की ज़िद में माँ का दिल दौड़ता है,
दूसरे की ख़ामोशी में माँ का दिल पिघलता है।
कौन-कौन है जो इस दौर से गुज़र रहा है?
जहाँ एक बच्चा रोकर मम्मी को अपने पास खींच लेता है,
और दूसरा बच्चा रोना रोककर भी
मम्मी का दिल अपने पास खींच लेता है।
सच कहूँ
माँ होने का असली सौंदर्य इन्हीं पलों में छिपा है।
यही छोटे-छोटे लम्हे ज़िंदगी का सबसे बड़ा सुख हैं।
इनके आगे न धन मायने रखता है,
न दुनिया की कोई शोहरत…
बस बच्चों की साँसें
और माँ की गोद—
यही सबसे बड़ी दौलत है।
Good night 😴
2 weeks ago | [YT] | 3