Vandana Kumari

कविता :- आंखें ❤️✍️👀
ये आंखें बहुत कुछ बोलतीं है
बिना कुछ शब्द कहें सब बयां करती हैं
ये आंखें बहुत कुछ बोलतीं है
हर भावनाओं को अपने में समेटे कर रखतीं हैं
हमें हर बातें अनुभव कराती हैं
ये आंखें बहुत कुछ बोलतीं है
प्यार हो या नाराजगी आंखें जाहिर कर देती है
खुशी के पल में मुस्कुरा उठती हैं
गम में यूं छलक जाती है
ये आंखें बहुत कुछ बोलतीं है

जज्बातों को बयां कर देती है
अपने अंदर सब दबा लेती हैं
आंखों में सारा जहां बसा लेती है
ये आंखें बहुत कुछ बोलतीं है
अपने पराए के व्यवहार को भी तार जाती हैं
अपनेपन के एहसास भी दिला देती हैं
ये आंखें बहुत कुछ बोलतीं है
कभी खुशी कभी गम में भी आंसू बहा लेती है
हर तकलीफों को भी हंस के सहन कर लेती हैं
ये आंखें बहुत कुछ बोलतीं है

दिल के जज्बातों को भी समझ लेती हैं
उदास चहरों को भी पढ़ लेती है
ये आंखें बहुत कुछ बोलतीं है
खुशी के पल भी महसूस कर लेती हैं
मन के भावना को तार कर होठों से बयां करती हैं
ये आंखें बहुत कुछ बोलतीं है
जाने अनजाने सब को परख लेती हैं
आंखों से हर बात छूपा लेती हैं
अच्छे बुरे हर चीज को आंखों में समा लेती हैं
ये आंखें बहुत कुछ बोलतीं है !

आंखे कजरारी आंखें सुरमें वालीं आंखें कितने ही उपमाएं
लिए हुए हैं
इस आंखों में समाए हुए हैं इस जहां के लाखों रंगरूप
ये आंखे हर चीज देखती और दिखाती हैं
ये आंखें बहुत कुछ बोलतीं है !
बड़ी कमाल के हैं हमारी आंखें
हमें सहना,परखना,देखना,जानना,सीखना,और पढ़ना हर वो बातें सिखाती हैं
जो हमारे जीवन जीने के कला सीखते और दिखाते हैं
अच्छे बुरे हर चीज का अनुभव कराती हैं
सही-गलत के सारे भेद बतातीं है
ये आंखें बहुत कुछ बोलतीं है !!
💖✍️वन्दना ✍️💖
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1 month ago (edited) | [YT] | 19