Swachhand IAS

वायु प्रदूषण मापने वाली स्विट्जरलैंड की संस्था "आईक्यू एयर" की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के केवल सात देशों के लोग ही साफ हवा में सांस ले पा रहे हैं. इनमें ऑस्ट्रेलिया, आइसलैंड, न्यूजीलैंड, बहामास, बारबाडोस, एस्टोनिया, ग्रेनेडा जैसे देश शामिल हैं. संस्था ने 138 देशों से हवा की गुणवत्ता मापने वाली करीब 40,000 मशीनों से डेटा इकट्ठा किया है.

सबसे खराब स्थिति बांग्लादेश और चाड जैसे देशों की है. यहां की हवा, विश्व स्वास्थ्य संगठन के तय पैमानों से पंद्रह गुना अधिक प्रदूषित पाई गई. इस सूची में भारत पांचवें स्थान पर है. दुनिया के 25 सबसे प्रदूषित शहरों में 15 शहर भारत के हैं.

संगठन ने चेताया कि अमेरिका ने हवा को मॉनिटर करने की अपनी कोशिशों पर रोक लगा दी है. इससे स्मॉग और प्रदूषित हवा के खिलाफ जारी लड़ाई कमजोर पड़ सकती है. कई एशियाई और अफ्रीकी देश हवा की गुणवत्ता मापने के लिए अमेरिकी दूतावास की लगाई गई मशीनों पर निर्भर होते हैं. लेकिन ट्रंप सरकार ने बजट का हवाला देते हुए इस योजना को खत्म कर दिया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि हर साल वायु प्रदूषण के कारण दुनिया में करीब 70 लाख लोगों की मौत होती है.

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1 month ago | [YT] | 6