Arya
✨ नियंत्रण एवं समन्वय (Control and Coordination) – नोट्स1. प्रस्तावनाजीवधारियों को विभिन्न कार्यों को एक साथ करने के लिए नियंत्रण एवं समन्वय की आवश्यकता होती है।यह प्रक्रिया स्नायु तंत्र (Nervous System) और अंतःस्रावी तंत्र (Endocrine System) द्वारा सम्पन्न होती है।---2. मानव में नियंत्रण और समन्वय(A) स्नायु तंत्र (Nervous System)1. न्यूरॉन (Neuron):यह स्नायु तंत्र की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई है।भाग – (i) डेंड्राइट्स (ii) कोशिका द्रव्य (iii) अक्षतंतु (Axon) (iv) सिनैप्स।2. स्नायु तंत्र के भाग:मस्तिष्क (Brain):प्रमस्तिष्क (Cerebrum) – सोच, समझ, याददाश्त, निर्णय।मध्य मस्तिष्क (Mid Brain) – दृष्टि व श्रवण को नियंत्रित करता है।अनुमस्तिष्क (Cerebellum) – शरीर का संतुलन और चाल-ढाल।वृक्कमस्तिष्क/मेदुला ऑब्लांगटा (Medulla) – हृदयगति, श्वसन, पाचन को नियंत्रित करता है।मेरुरज्जु (Spinal Cord):मस्तिष्क और शरीर के अंगों के बीच संदेश का आदान-प्रदान करता है।रिफ्लेक्स क्रिया (Reflex Action) कराता है।3. रिफ्लेक्स क्रिया (Reflex Action):अचानक किसी उत्तेजना पर शरीर की त्वरित एवं स्वतःस्फूर्त प्रतिक्रिया।उदाहरण – गरम वस्तु छूते ही हाथ खींच लेना।---(B) अंतःस्रावी तंत्र (Endocrine System – हार्मोन)इसमें विभिन्न ग्रंथियाँ हार्मोन का स्राव करती हैं।मुख्य ग्रंथियाँ और हार्मोन:1. पिट्यूटरी ग्रंथि – विकास हार्मोन, "मास्टर ग्रंथि"।2. थायरॉइड – थायरॉक्सिन (शरीर की वृद्धि व ऊर्जा नियंत्रण)।3. अधिवृक्क (Adrenal) – एड्रेनालिन (आपातकालीन हार्मोन)।4. अग्न्याशय (Pancreas) – इंसुलिन (रक्त शर्करा नियंत्रण)।5. जनन ग्रंथियाँ – टेस्टोस्टेरोन (पुरुषों में), एस्ट्रोजन/प्रोजेस्टेरोन (महिलाओं में)।---3. पादपों में नियंत्रण एवं समन्वय1. पादप हार्मोन (Plant Hormones):ऑक्सिन (Auxin) – जड़ों की ओर नीचे की वृद्धि।जिबरेलिन (Gibberellin) – तनों की वृद्धि।साइटोकाइनिन (Cytokinin) – कोशिका विभाजन।एब्सिसिक अम्ल (ABA) – वृद्धि को रोकता है, पत्तियों का झड़ना।2. पादप की गतियाँ:उष्मानुक्रिया (Tropism) – दिशा पर आधारित गति।प्रकाशानुक्रिया (Phototropism) – प्रकाश की ओर मुड़ना।गुरुत्वानुक्रिया (Geotropism) – गुरुत्व की ओर जड़ों का बढ़ना।जलानुक्रिया (Hydrotropism) – जल की ओर जड़ों का बढ़ना।स्पर्शानुक्रिया (Thigmotropism) – लता का सहारे की ओर लिपटना।नास्टिक गति (Nastic Movement) – दिशा पर निर्भर नहीं।उदाहरण – मिमोसा (छुई-मुई) का पत्तियों का सिकुड़ना।---4. निष्कर्षमनुष्यों में नियंत्रण एवं समन्वय स्नायु और हार्मोन दोनों से होता है।पादपों में केवल हार्मोन और बाहरी उत्तेजनाओं द्वारा नियंत्रण एवं समन्वय होता है।
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✨ नियंत्रण एवं समन्वय (Control and Coordination) – नोट्स
1. प्रस्तावना
जीवधारियों को विभिन्न कार्यों को एक साथ करने के लिए नियंत्रण एवं समन्वय की आवश्यकता होती है।
यह प्रक्रिया स्नायु तंत्र (Nervous System) और अंतःस्रावी तंत्र (Endocrine System) द्वारा सम्पन्न होती है।
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2. मानव में नियंत्रण और समन्वय
(A) स्नायु तंत्र (Nervous System)
1. न्यूरॉन (Neuron):
यह स्नायु तंत्र की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई है।
भाग – (i) डेंड्राइट्स (ii) कोशिका द्रव्य (iii) अक्षतंतु (Axon) (iv) सिनैप्स।
2. स्नायु तंत्र के भाग:
मस्तिष्क (Brain):
प्रमस्तिष्क (Cerebrum) – सोच, समझ, याददाश्त, निर्णय।
मध्य मस्तिष्क (Mid Brain) – दृष्टि व श्रवण को नियंत्रित करता है।
अनुमस्तिष्क (Cerebellum) – शरीर का संतुलन और चाल-ढाल।
वृक्कमस्तिष्क/मेदुला ऑब्लांगटा (Medulla) – हृदयगति, श्वसन, पाचन को नियंत्रित करता है।
मेरुरज्जु (Spinal Cord):
मस्तिष्क और शरीर के अंगों के बीच संदेश का आदान-प्रदान करता है।
रिफ्लेक्स क्रिया (Reflex Action) कराता है।
3. रिफ्लेक्स क्रिया (Reflex Action):
अचानक किसी उत्तेजना पर शरीर की त्वरित एवं स्वतःस्फूर्त प्रतिक्रिया।
उदाहरण – गरम वस्तु छूते ही हाथ खींच लेना।
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(B) अंतःस्रावी तंत्र (Endocrine System – हार्मोन)
इसमें विभिन्न ग्रंथियाँ हार्मोन का स्राव करती हैं।
मुख्य ग्रंथियाँ और हार्मोन:
1. पिट्यूटरी ग्रंथि – विकास हार्मोन, "मास्टर ग्रंथि"।
2. थायरॉइड – थायरॉक्सिन (शरीर की वृद्धि व ऊर्जा नियंत्रण)।
3. अधिवृक्क (Adrenal) – एड्रेनालिन (आपातकालीन हार्मोन)।
4. अग्न्याशय (Pancreas) – इंसुलिन (रक्त शर्करा नियंत्रण)।
5. जनन ग्रंथियाँ – टेस्टोस्टेरोन (पुरुषों में), एस्ट्रोजन/प्रोजेस्टेरोन (महिलाओं में)।
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3. पादपों में नियंत्रण एवं समन्वय
1. पादप हार्मोन (Plant Hormones):
ऑक्सिन (Auxin) – जड़ों की ओर नीचे की वृद्धि।
जिबरेलिन (Gibberellin) – तनों की वृद्धि।
साइटोकाइनिन (Cytokinin) – कोशिका विभाजन।
एब्सिसिक अम्ल (ABA) – वृद्धि को रोकता है, पत्तियों का झड़ना।
2. पादप की गतियाँ:
उष्मानुक्रिया (Tropism) – दिशा पर आधारित गति।
प्रकाशानुक्रिया (Phototropism) – प्रकाश की ओर मुड़ना।
गुरुत्वानुक्रिया (Geotropism) – गुरुत्व की ओर जड़ों का बढ़ना।
जलानुक्रिया (Hydrotropism) – जल की ओर जड़ों का बढ़ना।
स्पर्शानुक्रिया (Thigmotropism) – लता का सहारे की ओर लिपटना।
नास्टिक गति (Nastic Movement) – दिशा पर निर्भर नहीं।
उदाहरण – मिमोसा (छुई-मुई) का पत्तियों का सिकुड़ना।
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4. निष्कर्ष
मनुष्यों में नियंत्रण एवं समन्वय स्नायु और हार्मोन दोनों से होता है।
पादपों में केवल हार्मोन और बाहरी उत्तेजनाओं द्वारा नियंत्रण एवं समन्वय होता है।
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