रघुपति सहाय "फ़िराक़" (28 अगस्त 1896 - 3 मार्च 1982), जिन्हें उनके शायरी के उपनाम "फ़िराक़" गोरखपुरी से अधिक जाना जाता है, उर्दू भाषा के प्रसिद्ध रचनाकार थे। उनका जन्म गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में कायस्थ परिवार में हुआ। उनकी शिक्षा अरबी, फ़ारसी और अंग्रेजी में हुई। बाद में फ़िराक़ साहब इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के अध्यापक रहे और उर्दू भाषा में अपनी रचनायें कीं। आज उनकी 43वीं पुण्यतिथि पर 'जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव' उन्हें नमन करता है। #FiraqGorakhpuri #sahityotsav#jashneadab
Jashn-e-Adab
रघुपति सहाय "फ़िराक़" (28 अगस्त 1896 - 3 मार्च 1982), जिन्हें उनके शायरी के उपनाम "फ़िराक़" गोरखपुरी से अधिक जाना जाता है, उर्दू भाषा के प्रसिद्ध रचनाकार थे। उनका जन्म गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में कायस्थ परिवार में हुआ। उनकी शिक्षा अरबी, फ़ारसी और अंग्रेजी में हुई। बाद में फ़िराक़ साहब इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के अध्यापक रहे और उर्दू भाषा में अपनी रचनायें कीं। आज उनकी 43वीं पुण्यतिथि पर 'जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव' उन्हें नमन करता है।
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2 months ago | [YT] | 59