Amish Tripathi

Learning from Life’s Challenges

In life, it’s easy to blame others for our pain or mistakes. But true growth begins when we take responsibility, learn from our experiences, and transform our hardships into opportunities.

As shared beautifully in this episode, courage isn’t the absence of struggle — it’s the strength to turn struggle into wisdom.

Watch the full conversation to reflect on how we can grow through what we go through.
#LifeLessons #GrowthMindset #Inspiration

1 month ago | [YT] | 128



@SamSam-o8t9h

❣️❣️❣️ you're changing the mindset of Indian youth thank you

1 month ago | 0

@HaryanaGaushala

रामनाम जान्यो नहीं, भई पूजा में हानि। कहि रहीम क्यों मानि हैं, जम के किंकर कानि।। जीवन एक अवसर है। जीवन तथ्य नहीं, केवल एक संभावना है–जैसे बीज, बीज में छिपे हैं हजारों फूल, पर प्रकट नहीं–अप्रकट हैं, प्रच्छन्न हैं। बहुत गहरी खोज करोगे तो पा सकोगे। पा लोगे तो जीवन धन्य हो जाएगा। एक बात स्मरण रखना, कुछ चीजें हैं जो हमेशा जीवन में नीचे की तरफ जाती हैं; और कुछ चीजें हैं जो हमेशा ऊपर की तरफ जाती हैं। जैसे दीये की लौ हमेशा ऊपर की तरफ जाती है; ओर मिट्टी की दिया नीचे जमीन की ओर जाएगा । लेकिन मिट्टी के दीये में जलती हुई ज्योति सूरज की तलाश करेगी; सूरज ही उसका स्रोत है। दीये में दो का मिलन हो रहा है–आकाश का और पृथ्वी का। बीज में भी दो का मिलन हो रहा है–अदृश्य का और दृश्य का। दृश्य पर मत अटक जाना। दृश्य पर ही अटके हैं लाखों-करोड़ों लोग। रामायण के बाल कांड में नाम की महिमा में बहुत ऐसी चौपाइयां है जिसमें अनेक लोगों ने राम का नाम जाना ओर महान हुए । उसमें शिव ,प्रहलाद ,गणेश खुद राम भी शामिल है यह राम के जीवन के पहले की घटना है। राम पुराना नाम है। राम के नाम का जानना ओर राम को जानना भिन्न बात है । जानने से मतलब जानना है, मानना नहीं। जानने से अर्थ साक्षात्कार है। जानने से अर्थ प्रतीति है, स्वाद है, अनुभूति है। यूं तो कोई भी राम का नाम जानता है। सारी दुनिया राम का नाम जानती है। इस दुनिया में सबसे ज्यादा झूठे लोग वे आस्तिक हैं जिन्होंने बिना तलाश किए, बिना खोजे, बिना किसी अन्वेषण के, और ईश्वर को स्वीकार कर लिया है। हजारों लोग है जो जीवन में चाकू बाजी से जीवन पलभर में मर जायेगे मार देंगे कोर्ट में जीवन भर चक्कर लगाएंगे जेल काटेंगे लेकिन रामनाम को नहीं जानेंगे। जिसने अपने भीतर के केंद्र को पहचान लिया, उसे मिल गया निर्वाण, उसे मिल गया मोक्ष, उसे मिल गया राम। राम कोई व्यक्ति नहीं है जो तुम्हें बाहर मिलेगा। राम है तुम्हारी आंतरिक संभावना। आदमी की जिंदगी की शुरुआत ही राम की तलाश से होती है। आदमी और पशुओं में इतना ही भेद है कि पशु सिर्फ जीते हैं और मर जाते हैं, और आदमी जीने और मरने के बीच अमृत को पा लेता है।

1 month ago | 1