Santoshi Rajput 21

रामायण में हनुमान जी की राम भक्ति के अनेक उदाहरण मिलते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं:
समुद्र लांघना: माता सीता की खोज में हनुमान जी ने बिना किसी की सहायता के पूरा 100 योजन (लगभग 1,200 किलोमीटर) चौड़ा समुद्र पार किया। यह कार्य उनकी अटूट रामभक्ति और उनके दृढ़ विश्वास को दर्शाता है कि श्री राम की कृपा से कोई भी कार्य असंभव नहीं है।
संजीवनी बूटी लाना: मेघनाद के शक्तिबाण से लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए थे। उन्हें बचाने के लिए हनुमान जी ने द्रोणागिरी पर्वत से संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा की। इस कार्य में उन्होंने न केवल अपनी भक्ति, बल्कि अपनी शक्ति और कर्तव्यनिष्ठा का भी परिचय दिया।
अशोक वाटिका में माता सीता को श्री राम की अंगूठी देना: अशोक वाटिका में माता सीता को श्री राम की मुद्रिका (अंगूठी) देकर हनुमान जी ने उन्हें विश्वास दिलाया कि श्री राम उन्हें बचाने के लिए आ रहे हैं। इस कार्य में उन्होंने एक दूत के रूप में अपनी निष्ठा और भक्ति का परिचय दिया।
हनुमान जी द्वारा अपनी छाती फाड़कर राम-सीता के दर्शन कराना: जब भरत ने हनुमान जी से पूछा कि वे अपने हृदय में किसे धारण करते हैं, तो हनुमान जी ने अपनी छाती फाड़कर अपने हृदय में श्री राम और माता सीता के दर्शन कराए। यह दृश्य उनकी अनूठी और निस्वार्थ राम भक्ति का सर्वोत्तम उदाहरण है।
ये उदाहरण यह दर्शाते हैं कि हनुमान जी ने अपने हर कार्य में राम भक्ति को सर्वोपरि रखा। वे राम के प्रति एक सेवक के रूप में ही नहीं, बल्कि एक परम मित्र और भक्त के रूप में भी समर्पित थे। हनुमान जी की भक्ति को 'दास्य भक्ति' का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण माना जाता है🙏🌹jai Shri Ram 🌹🙏

2 weeks ago | [YT] | 5



@hoshiyarsingh493

Jay shree ram 🙏

2 weeks ago | 0