अनादिकाल से प्रत्येक जीव का दुःख यही है कि वो भय है। जो कुछ हमारे पास है छिन न जाये। बेटा है, मर न जाये। धन है, नष्ट न हो जाये। हर समय भय, हर समय भय। अब, अगर कोई ज्ञान प्राप्त कर लेता है ईश्वर का बन जाता है तो संसार को नश्वर मान लेता है, अब वो भय नहीं करेगा। सोच लिया, बेटा अभी मर सकता है। बाप अभी मर सकता है। धन अभी समाप्त हो सकता है। ये डिसिज़न है उसके हृदय में। अब जो कुछ भी इन सबमें होगा, वो परेशान नहीं होगा। उसके पहले भी नहीं होगा, बाद भी नहीं होगा। 🥀🥀🥀🥀🥀 प्रारब्ध क्या है? वह कितने प्रकार का होता है? अनेक लोग बार-बार हर जन्म में निर्धन क्यों बनते हैं, यह कुचक्र क्यों होता है? प्रारब्ध के कारण अधिक धन आ जाये तो उसका कैसे निवेश करना चाहिये? ऐसे अनेक प्रश्नों के स्पष्ट उत्तर जानने के लिये यह वीडियो अवश्य देखिये। 🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀
Radha Govind Mandir, Chandigarh
अचानक जो होता है वो प्रारब्ध की देन है
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https://youtu.be/lOZkgM1AIs0
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अनादिकाल से प्रत्येक जीव का
दुःख यही है कि वो भय है।
जो कुछ हमारे पास है छिन न जाये।
बेटा है, मर न जाये।
धन है, नष्ट न हो जाये।
हर समय भय, हर समय भय।
अब, अगर कोई ज्ञान प्राप्त कर लेता है
ईश्वर का बन जाता है
तो संसार को नश्वर मान लेता है,
अब वो भय नहीं करेगा।
सोच लिया, बेटा अभी मर सकता है।
बाप अभी मर सकता है।
धन अभी समाप्त हो सकता है।
ये डिसिज़न है उसके हृदय में।
अब जो कुछ भी इन सबमें होगा,
वो परेशान नहीं होगा।
उसके पहले भी नहीं होगा,
बाद भी नहीं होगा।
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प्रारब्ध क्या है? वह कितने प्रकार का होता है?
अनेक लोग बार-बार हर जन्म में निर्धन क्यों बनते हैं, यह कुचक्र क्यों होता है?
प्रारब्ध के कारण अधिक धन आ जाये तो उसका कैसे निवेश करना चाहिये?
ऐसे अनेक प्रश्नों के स्पष्ट उत्तर जानने के लिये
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2 weeks ago | [YT] | 53