मैं आपसे ये सवाल सिर्फ यूँ ही नहीं पूछ रहा… ‘आख़िरी बार कब आप सच में खुश हुए थे?’ ये सवाल आपके दिमाग के उस हिस्से को एक्टिव करता है जहाँ वो सच्ची खुशी, वो हल्कापन अब भी ज़िंदा है — बस धुंधला हो चुका है। क्योंकि आजकल हमारा दिमाग हर दिन नेगेटिव चीज़ों से भरता जा रहा है — ब्रेकिंग न्यूज़, सोशल मीडिया की comparison, और पुरानी दुख भरी यादें। और जब दिमाग सिर्फ दर्द ही याद रखता है, तो खुशी की पहचान ही खो देता है। इसलिए ये सवाल एक ट्रिगर है… एक subtle mind-rewire। ताकि आपका ध्यान वापस उस हिस्से की ओर जाए — जहाँ आप सच्चे थे, हल्के थे, और मुस्कुरा रहे थे… बिना किसी वजह के। अब आँखें बंद कीजिए… और सोचिए — आखिरी बार कब हँसी दिल से निकली थी?
13 hours ago | 1
Jab usne mujhe isara karke apne paas bulaya tha Wo time mujhe hamesha yaad rahega 🙏 abhi wo mujhse bat nahi karti hai 3 saalo se par mai aaj bhi usko utna hi love karta h
10 hours ago | 1
जब मे सब कुछ छोड़-छाड़ अपने बेड पर सोता हु तब, मस्त राम मस्ति मे,भले आग लगे बस्ती मे
12 hours ago (edited) | 0
Happiness ke upar liyo jara please All book and details habits and routines and rituals on happiness in life
13 hours ago | 0
ThinkSpy
ज़रा रुकिए… और अपनी खुशी को एक बार फिर से ढूंढिए। शायद वो किसी पुराने पल में छुपी हो।
13 hours ago | [YT] | 304