To Qur'an kansa zabardasti kar Raha hai tumhare saath.दीन के मामले में कोई ज़बरदस्ती नहीं, हिदायत अलग हो चुकी है गुमराही से"(2:256) 29) और कहदो यह हक है तुम्हारे पालनहार की ओर से, अतः जो व्यक्ति चाहे इसे माने और जो व्यक्ति चाहे इसे न माने। हमने जालिमों के लिए ऐसी आग तैयार कर रखी है जिसकी लपटें उनको अपने घेरे में ले लेंगी। और यदि वह पानी के लिए याचना करेंगे तो उनकी याचना ऐसे पानी से पूरी की जायेगी जो तेल की तलछट की तरहा होगा। वह चेहरों को भून डालेगा। क्या बुरा पानी होगा और कैसा बुरा ठिकाना।(30) निस्सन्देह जो लोग ईमान लाये और उन्होंने अच्छे कर्म किये तो हम ऐसे लोगों का बदला नष्ट नहीं करेंगे। (31) जो अच्छे कर्म करें, उनके लिए हमेशा रहने वाले बाग़ हैं जिनके नीचे नहरें बहती होंगी, वहाँ उनको सोने के कंगन पहनाये जायेंगे। और वह महीन और गफ़ रेशम के हरे कपड़े पहनेंगे, तख्तों पर टेक लगाये हुए। क्या अच्छा बदला है और कैसा अच्छा ठिकाना।(सुरा कहफ)
Quran har sawal ka jawab
To Qur'an kansa zabardasti kar Raha hai tumhare saath.दीन के मामले में कोई ज़बरदस्ती नहीं, हिदायत अलग हो चुकी है गुमराही से"(2:256)
29) और कहदो यह हक है तुम्हारे पालनहार की ओर से, अतः जो व्यक्ति चाहे इसे माने और जो व्यक्ति चाहे इसे न माने। हमने जालिमों के लिए ऐसी आग तैयार कर रखी है जिसकी लपटें उनको अपने घेरे में ले लेंगी। और यदि वह पानी के लिए याचना करेंगे तो उनकी याचना ऐसे पानी से पूरी की जायेगी जो तेल की तलछट की तरहा होगा। वह चेहरों को भून डालेगा। क्या बुरा पानी होगा और कैसा बुरा ठिकाना।(30) निस्सन्देह जो लोग ईमान लाये और उन्होंने अच्छे कर्म किये तो हम ऐसे लोगों का बदला नष्ट नहीं करेंगे। (31) जो अच्छे कर्म करें, उनके लिए हमेशा रहने वाले बाग़ हैं जिनके नीचे नहरें बहती होंगी, वहाँ उनको सोने के कंगन पहनाये जायेंगे। और वह महीन और गफ़ रेशम के हरे कपड़े पहनेंगे, तख्तों पर टेक लगाये हुए। क्या अच्छा बदला है और कैसा अच्छा ठिकाना।(सुरा कहफ)
2 years ago | [YT] | 4