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हमें नीति और धर्म सिखाने चला है | रावण | Ramayan Dialogues Compilation
Tilak
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माता मैं क्षत्राणी हूँ मुझे ब्राह्मण कन्याओं की सेवा करनी चाहिए | Ramayan Dialogues Compilation
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लक्ष्मण की शक्ति ने मेरे यम अस्त्र को निस्तेज कर दिया |मेघनाध और रावण |Ramayan Dialogues Compilation
हमारा ये युद्ध मायावी राक्षसो के साथ है | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
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शुक तू उनसे प्रभावित हो कर आया है | रावण और शुक | Ramayan Dialogues Compilation
मित्र किसी को दोष देने से भाग्य की रेखा नहीं बदल जाती | Ramayan Dialogues Compilation
नाथ, मेरे जीवन आधार अब इस वैर का अंत कर दीजिए | मंदोदरी और रावण | Ramayan Dialogues Compilation
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मेरा रास्ता रोकने वाली तुम कौन हो, मैं सुरसा हूँ | हनुमान जी और सुरसा |Ramayan Dialogues Compilation
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लक्ष्मण ही मेघनाध का वध कर सकते हैं | विभीषण | Ramayan Dialogues Compilation
ब्रह्म जी ने मुझे आपकी सेवा में भेजा था | हनुमान जी | Ramayan Dialogues Compilation
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मित्र को शत्रु और शत्रु को मित्र मान रहे हैं | विभीषण | Ramayan Dialogues Compilation
आपने अपने हाथों से अपने पुत्र की बलि दी है | मंदोदरी | Ramayan Dialogues Compilation
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सीता सर्वतः निष्पाप है | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
स्वार्थ से मुक्त कौन है रघुवेंद्र | Ramayan Dialogues Compilation
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भैया आपका अपने ह्रदय से लगाते हैं आप मुझे अपने गले लगा लीजिए |Ramayan Dialogues Compilation
मेरे रगों में तुम्हारे दूध की शक्ति थी माँ | श्री राम और कौशल्या | Ramayan Dialogues Compilation
हम दोनों ने आजतक कभी झूठ नहीं बोला | लव और कुश | Ramayan Dialogues Compilation
तुम नहीं जानते कि तुम किसका अपमान कर रहे हो | लक्ष्मण जी और लव कुश | Ramayan Dialogues Compilation
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नाम तो केवल बाहरी पहचान के लिए होता है | श्री राम और लक्ष्मण | Ramayan Dialogues Compilation
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यहाँ रहकर तुम कुछ नहीं कर सकोगे | विभीषण और कैकसी | Ramayan Dialogues Compilation
इस पथ पर जीना मरना जो भी होगा वो वो सबके साथ होगा | हनुमान जी और अंगद| Ramayan Dialogues Compilation
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Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | भरत प्रेम की सीमा है, तो राम धर्म कर्म की मर्यादा
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Ramayan Dialogue Status | त्याग और प्रेम का ये अनोखा युद्ध मानव के महानता का प्रतीक है
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Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | दो पुत्रों के बीच बटी हुई माँ किसका साथ देगी
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Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | उन्हें देवलोक से दैव सहायता प्राप्त हो रही है
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Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | इंद्रजीत अपने सलाहकारो पर हुए क्रोधित
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Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | राज बनेगा राम और भरत बनेगा दास और तुम दासी
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Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | सबसे मीठा रह कर ही तो सारी अयोध्या का राज्य हड़प कर जाएगा
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Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | मेरा राम अपनी जननी कौशल्या से अधिक मुझे स्नेह करता है
Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | विष और अमृत की पहचान तुझे रहती तो आज यह दिन नहीं आता
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Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | मेरी भोली रानी तू सोत का विष नहीं जानती
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Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | कल में और आज में, अभी एक रात बाकी है
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Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | यह मोह ममता का समय नहीं कूट नीति का समय है
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मैं श्री राम जी से भिन्न हूँ | माता सीता | Ramayan Dialogues Compilation
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तीनों लोकों में कोई ऐसा नहीं जो आपके सामने ठहर सके | Ramayan Dialogues Compilation
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आपने परिचय तो दिया ही नहीं | हनुमान जी और लव कुश | Ramayan Dialogues Compilation
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युद्ध में लगे हुए घाव तो वीरों का अलंकार होते है लक्ष्मण | श्री राम और लक्ष्मण | Ramayan Dialogues
रामायण डायलॉग | ऐसे दिव्य और यशस्वी पुत्रों के पिता होने का सौभाग्य तो देवताओं के लिए भी दुर्लभ है
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Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | मिथिला और अयोध्या का यह संबंध बहुत ही शुभ है
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Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | अब अयोध्या का ना कोई राजा है ना कोई मंत्री
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Ramayan Dialogue Status | रामायण डायलॉग | कर्तव्य भावना से महान होता है
युद्ध में लगे हुए घाव तो वीरों का अलंकार होते है लक्ष्मण | Ramayan Dialogues Compilation
दिव्य दृष्टि से देखोगे तो तुम्हे पता चलेगा कि स्वयं तुम भी भगवान हो | Ramayan Dialogues Compilation
मै उसके लिये अपने प्राण निछावर करने को तैयार हूँ | Ramayan Dialogues Compilation
प्रजा की सेवा का भार तुम्हारे कंधों पर डालकर विश्राम करना चाहता हूँ | Ramayan Dialogues Compilation
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संसार के समस्त पापियों के पापों का दण्ड केवल मुझे मिले | Ramayan Dialogues Compilation
जितना सरल समझा था उतना सरल नहीं है शत्रु का पार पाना | Ramayan Dialogues Compilation
मैंने रघुवंश को निर्वंश करने का बीड़ा उठाया है | रावण और इंद्रजीत | Ramayan Dialogues Compilation
लगता है कि सुग्रीव को अपने वचन का कुछ भी विचार नही | Ramayan Dialogues Compilation
अब युद्ध अनिवार्य है | रावण | Ramayan Dialogues Compilation
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आज लंका के राजवंश का अन्तिम कुलदीपक भी बुझ गया | मंदोदरी | Ramayan Dialogues Compilation
दशानन के शीश की शोभा, ये राजमुकुट किस तरह तुम्हारे हाथों लगा | Ramayan Dialogues Compilation
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एक ओर राम की मर्यादा है और दूसरी ओर भरत का प्रेम | गुरु वशिष्ठ | Ramayan Dialogues Compilation
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राम, कल तुम्हारें सिर पर राजमुकुट पहनाया जाएगा | राजा दशरथ | Ramayan Dialogues Compilation
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आज से तुम्हें अपने राजा के प्रथम सेवक, | सुमित्रा | Ramayan Dialogues Compilation
तू मेरे लिये क्या है लक्ष्मण, ये कहने को शब्द नहीं है मेरे पास | Ramayan Dialogues Compilation
आज उसी काम और अंहकार के हाथों आप पग-पग पर हार रहे है | मालयवन और रावण| Ramayan Dialogues Compilation
सूर्पनखा एक स्त्री दूसरी स्त्री के हृदय में छुपी हुई बात को पहचान सकती है |Ramayan Dialogues
लंकेश्वर उनकी पत्नी सीता को हर लाये है | कुंभकर्ण | Ramayan Dialogues Compilation
मित्रता में संदेह नही किया जाता | राम और सुग्रीव | Ramayan Dialogues Compilation
महाबली लंकेश्वर, वो कौशल देश के राजा दशरथ के पुत्र हैं, राम और लक्ष्मण|Ramayan Dialogues Compilation
अब प्रभु आपके संकल्प के आगे तो ब्रह्मा हु हार जाये | Ramayan Dialogues Compilation
महाबली लंकेश्वर, वो कौशल देश के राजा दशरथ के पुत्र हैं, | Ramayan Dialogues Compilation
अपनी जान बचाने के लिये किसी दूसरे के प्राण लेना धर्म नहीं पाप है | Ramayan Dialogues Compilation
अपने चारो ओर राम नाम का घेरा बना रखा है | हनुमान | Ramayan Dialogues Compilation
रावण ने लंका की दुर्गबंदी आरम्भ कर दी है | विभीषण | Ramayan Dialogues Compilation
भैया वेद और पुराण ऐसा कहते है कि सुबुद्धि और कुबुद्धि प्राणी के हृदय में रहते है | Ramayan Dialogues
नीति कहती है कि अग्नि, रोग, सर्प और शत्रु को कभी तुच्छ नही समझना चाहिए Ramayan Dialogues Compilation
3:18
मेरे पैरो में राजधर्म की बेड़ियाँ है माँ | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
हे पितामह यदि आप मुझसे प्रसन्न है तो मुझे अमर कर दीजिए | इंद्रजीत | Ramayan Dialogues Compilation
संकट की इस घड़ी में मुझे पूरी सेना सहित आपकी सहायता के लिये आने की आज्ञा दे | Ramayan Dialogues
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आप परलोक में जाकर महाराज दशरथ से मिले तो उन्हें सीता हरण का वृत्तांत ना सुनाइयेगा| RamayanDialogues
3:00
आज की विजय का सबसे अधिक श्रेय महाराज विभीषण को मिलना चाहिए | श्री राम, लक्ष्मण औरविभीषण
3:01
यह अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा हमारे राज्य के चतुर्दिश वृद्धि का प्रतीक है | श्री राम और लव कुश
लाभ और हानि की बात सोचकर क्षत्रिय कभी युद्ध में नही जाता | लव | Ramayan Dialogues Compilation
तीनो लोक में वही तो एक है जिस पर मै तो क्या सारा संसार विश्वास करता है | माता सीता और त्रिजटा
मै तो केवल अपने आपको एक मानव समझता हूँ | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
सीता को हर लाये, साक्षात जगदम्बा को हर लाये | कुंभकर्ण | Ramayan Dialogues Compilation
युद्ध में तो कुछ भी हो सकता है और ये युद्ध अवश्य होगा | विभीषण | Ramayan Dialogues Compilation
सेवक के लिए तो स्वामी की दी हुई रूखी-सूखी रोटी भी अमृत समान है | हनुमान और लव कुश
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सीता ने इतना बड़ा त्याग किया है, तुम्हें आदर्श राजा सिद्ध करने के लिये | राजा जनक
भक्त का कर्म है तपस्या किये जाना और भगवान का काम है अपनी भक्त की लाज रखना | माता सीता
पुत्री! मन का तो स्वभाव ही यही है कि वो इधर से उधर भटकता रहे | ऋषि वाल्मीकि और सीता जी | Ramayan
जो राजा बनता है, उसके सिर पर सर्वदा कोई विशेष बोझ होता ही है | श्री राम और भरत | Ramayan Dialogues
मै जानता था माता कि आपके पुण्य प्रताप से ही अग्नि देव मुझे और मेरी पूँछ को नही जला सके | हनुमान जी
विभीषण की शिराओं में भी वही रक्त प्रभावित हो रहा है जो तुम्हारे और लंकेश्वर के शरीर में है
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समुद्र को तो पंछी भी लांघ लेते है, उससे वो सभी शूरवीर नही हो जाते | रावण और अंगद | Ramayan Dialogues
कुम्भकरण वो है जिसकी हुंकार से विधाता ब्रह्मा भी थर्रा उठा था | कुम्भकर्ण | Ramayan Dialogues
नाना जी, हमने इंद्र के कुलिश, शिव के त्रिशूल और विष्णु के सुदर्शन चक्र को अपनी ओर आते देखा है | रावण
हमे सावधान रहना है, परन्तु प्रथम प्रहार भी नही करना है | रावण और इंद्रजीत | Ramayan Dialogues
आपकी व्यथा देख कर जितना दुखः मेरे मन में हो रहा है | लक्ष्मण और श्री राम | Ramayan Dialogues
धर्म, अर्थ, दण्ड, भेद ये नीति निपुण नरेश के विशेष गुण होते है | अंगद | Ramayan Dialogues Compilation
मुझे अपनी चरण पादुका दे दो | भरत | Ramayan Dialogues Compilation
निराशा की धरती पर आशा के बीज बोने चाहिए | जनक | Ramayan Dialogues Compilation
ये क्या निषादराज, श्री राम के मित्र हो उनके बराबर आसन ग्रहण करो | निषादराज | Ramayan Dialogues
रघुवंशी राम ने आज पहली बार अपने अधिकार से कुछ माँगा है | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
भरत परशुराम की तरह तू भी अपनी माँ का सर काट के फेक दे | भरत, कैकई और कौशल्या | Ramayan Dialogues
हे धर्मपिता, मैं महाराज दशरथ का पुत्र राम अश्वमेघ यज्ञ को प्रारम्भ करने की आज्ञा माँगता हूँ |
जब तक दोष का प्रमाण न हो, दण्ड देना न्याय नहीं है | रावण | Ramayan Dialogues Compilation
मुझे तीनो लोको में कोई ऐसा दिखाई नही देता जो आप धनु धारण करने पर आपके सामने ठहर सके | श्री राम
श्रीराम लक्ष्मण दोनो भाई अयोध्या के स्वर्गीय महाराज दशरथ जी के पुत्र है | हनुमान | Ramayan Dialogues
यदि मेरे लक्ष्मण को कुछ हो गया तो फिर आप लोग राम को भी जीवित नहीं पायेंगे | श्री राम और सुग्रीव
तुम तो भक्ति और सेवा का अवतार हो | विभीषण | Ramayan Dialogues Compilation
मित्र, किसी को दोष देने से भाग्य की रेखा नहीं बदल जाती | लक्ष्मण और निषाद राज | Ramayan Dialogues
पुत्री, युद्ध भी मुझे तुमसे कुछ कहने का अधिकार नही | जामवन्त | Ramayan Dialogues Compilation
मै इन दोनो के माता पिता को बारम्बार प्रणाम करता हूँ | हनुमान | Ramayan Dialogues Compilation
लक्ष्मण ही इस दुर्दांत योद्धा मेघनाथ का वध कर सकते थे | विभीषण और श्री राम | Ramayan Dialogues
पहली बात तो यह कि श्रीराम लंका के शत्रु नही, रावण के शत्रु है | विभीषण | Ramayan Dialogues
मैं एक माँ हूँ, केवल एक अभागन माँ, जिसके आँचल के फूल को उसी बगिया के माली ने अपने हाथों से नोच डाला
ब्रह्मन् यह जानते हुए कि सीता सर्वथा निष्पाप है, मैने समाज के भय से इन्हे छोड़ दिया | श्री राम
तुम्हारे दर्शन की लालसा में हमने इन्द्र के निमन्त्रण को तुच्छ समझा | Ramayan Dialogues Compilation
भावना विहीन मनुष्य एक हिंसक पशु के समान होता है | श्री राम और लक्ष्मण |Ramayan Dialogues Compilation
बस राजन, धर्म और आदर्श की बड़ी-बड़ी बाते करना और बात है और उसे निभाना और बात है | Ramayan Dialogues
तुम्हें महाराज के वचन का पालन अवश्य करना है | कैकयी | Ramayan Dialogues Compilation
समस्त प्राणी मात्र के अन्दर भगवान की ही ज्योति प्रकाशित है | श्री राम |Ramayan Dialogues Compilation
सीता कालनिशा बन कर आयी है, वो मेरी सौत नही, मेरे पति की मौत बनने आयी हैRamayan Dialogues Compilation
मैं प्रजा की सेवा का भार तुम्हारे कंधों पर डालकर विश्राम करना चाहता हूँRamayan Dialogues Compilation
राम जीवन में शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनो का आना अनिवार्य | राजा जनक | Ramayan DialoguesCompilation
इसका प्रभाव पापी रावण पर कब पड़ेगा? | सीता और त्रिजटा | Ramayan Dialogues Compilation
जिन्हें भविष्य का निर्माण करना होता है, वो मन के आधीन होकर नहीं चलते | Ramayan Dialogues Compilation
माता कैकेयी के एक भूल के कारण यह राज्य मेरे लिये कलंक का कारण बन गया था | भरत | Ramayan Dialogues
माता अपने प्राणाधार के दर्शनो को व्याकुल हो रही है | हनुमान जी और श्री राम | Ramayan Dialogues
हनुमान ने सैनिक छावनी को धवस्त कर दिया | मालयवन | Ramayan Dialogues Compilation
रावण सीता को अपनी रानी बनायेगा उसे लौटायेगा नहीं | रावण और मंदोदरी | Ramayan Dialogues Compilation
पितामह मुझे निंद्रासन चाहिये | कुंभकर्ण और ब्रह्म जी | Ramayan Dialogues Compilation
प्रभु हमारे पास बहुत कम समय है | जामवंत | Ramayan Dialogues Compilation
लक्ष्मण आज का युद्ध तेरा मेरा अन्तिम युद्ध होगा | इंद्रजीत | Ramayan Dialogues Compilation
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नाम तो केवल एक बाहरी पहचान के लिये होता है | श्री राम और लक्ष्मण | Ramayan Dialogues Compilation
भूल-चूक, भ्रांति भावना में भटक जाना मानव मात्र का प्राकृतिक स्वभाव है लक्ष्मण | श्री राम और लक्ष्मण
तुम्हारा भाई कुम्भकरण तुम्हारे घर में ही सोया है, यही अवसर है,उसे जगाओ | माल्यवन और रावण | Ramayan
जनम-मरण अपनी इच्छा से नहीं होता पुत्र | माता कौशल्या और भरत | Ramayan Dialogues Compilation
वो आक्रमण करके लंका के द्वार तोड़ के अन्दर आने का प्रत्यन करेंगे | रावण और इंद्रजीत | Ramayan
अपना मनोरथ पूरा करवा कर वो मेरी अवज्ञा कर रहा है | श्री राम और लक्ष्मण | Ramayan Dialogues
दशानन के शीश की शोभा ये राजमुकुट, किस तरह तुम्हारे हाथों लगा? | लक्ष्मण जी और अंगद | Ramayan
मुनिवर, ये दोनो अतिसुन्दर कुमार किसी क्षत्रिय राजकुल के सपूत है | राजा जनक और विश्वामित्र जी
राजा को पृथ्वी का भगवान कहा गया है | राजा जनक | Ramayan Dialogues Compilation
मुझे विश्वास है कि आज रात रावण के हितैषी उसे समझाने की अवश्य चेष्टा करेंगे | श्री राम और अंगद
मृत्यु तो हमारी दासी है, वह इन्द्रजीत को कैसे मार सकती है? | रावण और माल्यवन | Ramayan Dialogues
आखिर पशुवर्ती वाला चंचल चित्त वानर ही हूँ ना मै | सुग्रीव और श्री राम |Ramayan Dialogues Compilation
वो इतने वीर है तो उनकी वृत्ति धर्म विरूद्ध नहीं हो सकती | विभीषण | Ramayan Dialogues Compilation
हम भईया के पहरेदार है | लक्ष्मण जी और निषाद राज | Ramayan Dialogues Compilation
इस पृथ्वी पर कोई साथ आता नहीं, न कोई साथ जाता है | जामवन्त और मंदोदरी |Ramayan Dialogues Compilation
श्रीराम लक्ष्मण दोनो भाई अयोध्या के स्वर्गीय महाराज दशरथ जी के पुत्र है | हनुमान जी
हम यह नहीं चाहते कि भाई के हाथों भाई का वध हो | श्री राम और विभीषण | Ramayan Dialogues Compilation
हर प्राणी का यह प्रथम धर्म है कि जब तक संसार में जीये स्वाभिमान के साथ जीये | विभीषण | Ramayan
देवी सीता का चरित्र शुद्ध है | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
हे अग्नि देवता! मै आपके शरण में आना चाहती हूँ | माता सीता और अग्नि देव |Ramayan DialoguesCompilation
लक्ष्मण बिना अयोध्या का राज्य कैसे भोग सकूँगा? | श्री राम और सुग्रीव | Ramayan Dialogues Compilation
सुख के पश्चात दुख तो आते ही है | राजा जनक | Ramayan Dialogues Compilation
मेरे रघुनाथ कैसे है? देवर जी लक्ष्मण को कोई क्षति तो नही पहुंची ना? | मातासीता और त्रिजटा जी Ramayan
आदर्श के नये-नये कीर्तिमान स्थापित करने का उत्तरदायित्व अब आप पर है | गुरु वशिष्ठ |Ramayan Dialogues
यह समय आंसू बहाने का नहीं है | भरत | Ramayan Dialogues Compilation
प्रभु श्रीराम की उदारता देखो, मुझ जैसे सद्बुद्धिहीन व्यक्ति को भी अपना सेवक बना लिया | हनुमान जी
वर्तमान आपका है, आज आप लंका के विजेता है | माल्यवन | Ramayan Dialogues Compilation
स्त्री का हृदय तो दया, ममता और स्नेह का आगाध सागर है | मंदोदरी | Ramayan Dialogues Compilation
हे प्रभु भगवान शिव ने मुझे इस देश में भेजा | अगस्त्य ऋषि | Ramayan Dialogues Compilation
मै तुम दोनों का धर्मयुद्ध देख-देख कर आत्म विभोर हो रही थी | माता कौशल्या | Ramayan Dialogues
मैने रावण का वध करने के लिये भी इस शस्त्र का प्रयोग नही किया था | श्री राम | Ramayan Dialogues
उनके कारण राक्षसों ने तपोवन में ऋषियों का शिकार करना छोड़ दिया है | खर और दूषण | Ramayan Dialogues
इतना बड़ा गिद्ध आज तक न देखा है, न सुना है | श्री राम और लक्ष्मण | Ramayan Dialogues Compilation
स्वामी वो दोनो अयोध्या के राजकुमार है | राजा बालि और रानी तारा | Ramayan Dialogues Compilation
विधाता दुख शिक्षा के लिये देता है और सुख मानवता की परीक्षा के लिये | श्री राम | Ramayan Dialogues
आज से प्रजा के अतिरिक्त हमारा अपना कोई नहीं रहा | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
आपके लक्ष्मण के रहते महाराज विभीषण का कोई बाल भी बाका नही कर सकता | लक्ष्मण जी और श्री राम | Ramayan
मैं प्रचेता का दसवां पुत्र वाल्मीकि हूँ | महर्षि वाल्मीकि | Ramayan Dialogues Compilation
आज की सृष्टि में ऐसा महामानव कौन है जिसके चरित्र का वर्णन करने से संसार का कल्याण हो | वाल्मीकि जी |
आध्यात्मिक शक्ति ही परम शक्ति है | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
यदि न्याय में देरी की जाए तो वो न्याय नहीं अन्याय हो जाता है | श्री राम | Ramayan Dialogues
राजा होने का अर्थ है सन्यासी हो जाना | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
तुमसे तो कभी कोई भूल हो ही नही सकती | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
आज के पश्चात मेरी छाया भी आपके पवित्र राजकुल पर नहीं पड़ेगी | सीता जी |Ramayan Dialogues Compilation
न हमें कोई लोभ है, न हमें किसी राज्य की लालसा है | श्री राम और लव कुश |Ramayan Dialogues Compilation
धर्म का लोप हो जाने से सारी त्रिलोकी नष्ट हो जाएगी | ऋषि वशिष्ठ | Ramayan Dialogues Compilation
तो आपके गुरुदेव ने रामायण लिखी है | हनुमान और लव कुश | Ramayan Dialogues Compilation
भावना केवल पीड़ा है | श्री राम और सीता जी | Ramayan Dialogues Compilation
उसके लिए साक्षी की आवश्यकता कहाँ है? यह तो अन्धे को भी दिखाई देता है | Ramayan Dialogues Compilation
इस राज्य के अन्दर एक ही भगवान रहता है और वो है लवणासुर | लवणासुर | Ramayan Dialogues Compilation
धर्म, अर्थ, काम और लौकिक सदाचार तुम स्वयं ही नहीं जानते हो |श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
राम मायापति को अपनी माया के टोटके दिखा रहा है | रावण और मंदोदरी | Ramayan Dialogues Compilation
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भैया! मेरा यह धनुष केवल शोभा की वस्तु नहीं है | लक्ष्मण और श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
आज सूर्यस्त तक युद्ध का निर्णय हो जाएगा | रावण और मंदोदरी | Ramayan Dialogues Compilation
इन्द्रजीत तुम्हारे वध का प्रतिशोध तुम्हारा पिता लेगा | रावण | Ramayan Dialogues Compilation
राज्य पर केवल बड़े का ही अधिकार है | भरत | Ramayan Dialogues Compilation
मैं महाराज दशरथ का पुत्र राम अश्वमेघ यज्ञ को प्रारम्भ करने की आज्ञा माँगता हूँ | श्री राम और जनक
महाराज, मैने दिव्य दृष्टि से यह जान लिया था कि सीता का भाव और विचार परम पवित्र है | ऋषि वाल्मीकि
श्रीराम मन को वश में रखने वाला, महाकान्तिवान, बलवान, धैर्यवान और जितेन्द्रिय है |नारद जी और वाल्मीकि
बालक हम तुम्हारे सारे अपराध क्षमा कर देते है | श्री राम और लव कुश | Ramayan Dialogues Compilation
शास्तानुसार त्यागो वधवा वेहता साधुनामि ही उभयम् समूह | हनुमान जी | Ramayan Dialogues Compilation
धर्म तो समस्त अवस्थाओं, बड़े-छोटे सबके लिए एक ही होता है | श्री राम और गुरु वशिष्ठ | Ramayan
वास्तव में हमारा राजा बहुत वीर और बहुत महान है | प्रजा | Ramayan Dialogues Compilation
जो इन पत्थरों पर इस वातावरण में वायु के कण-कण पर अंकित है | श्री राम और सीता जी | Ramayan Dialogues
आप अपनी बाल हठ से हमें क्यों विवश करते है धनुष उठाने पर | भरत और लव कुश |RamayanDialoguesCompilation
महाराज के छोटे भैया जी, कृपा करके आप इतनी उदारता न दिखाए | लव-कुश और शत्रुघ्न | Ramayan Dialogues
आपके हाथ से अपनी सेवा कराऊँ, यह हो नहीं सकता | हनुमान और लव कुश | Ramayan Dialogues Compilation
क्या राजा को कभी कोई दुख नहीं हो सकता | श्री राम और सीता जी | Ramayan Dialogues Compilation
क्या राजा का ही प्रजा के लिए उत्तरदायित्व है, प्रजा के लिए राजा के प्रति आदर्श का कोई विधान नहीं
हर प्राणी को अपने-अपने धर्म और अपने विश्वास के अनुसार पूजा, साधना और भक्ति का अधिकार है | Ramayan
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बाली सब पुरूषो का धर्म अति-सूक्ष्म होता है | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
हर पत्नी का यह धर्म है कि कुमार्ग पर भटके हुए पति को सत्य की राह पर ले आए | रावण और मंदोदरी
कुम्भकरण बाल्यकाल से ही मुझे बहुत प्यार करते थे | विभीषण और श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
वत्स भगवान ब्रह्मा ने देव और दानव ये दो ही पक्ष बनाए है | मालयवन | Ramayan Dialogues Compilation
नाथ, मेरे जीवन आधार, अब इस बैर का अंत कर दीजिए | रावण और मंदोदरी | Ramayan Dialogues Compilation
प्रजा से कर लेना आवश्यक है | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
भावना से कर्तव्य महान है | विभीषण और श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
तुम्हारे द्वारा प्रभु राम के महान आदर्श चरित्र का वर्णन किया जाना निश्चित है | ब्रह्म देव और ऋषि
क्या वो सचमुच विष्णु का अवतार है | नारद मुनि और गरुड़ राज | Ramayan Dialogues Compilation
मेरा वचन निभाने में मेरी सहायता कीजिए | श्री राम और माता सीता | Ramayan Dialogues Compilation
हर आने वाली पीढ़ी अपना मार्ग स्वयं निर्धारित करती है | रानी कौशल्या | Ramayan Dialogues Compilation
जिस दिन श्रीराम थक जाएंगे, उस दिन सूर्य और चन्द्र भी थक जाएंगे | लक्ष्मण जी | Ramayan Dialogues
वास्तव में हमारा राजा बहुत वीर और बहुत महान है | अयोध्या की प्रजा | Ramayan Dialogues Compilation
कहते है कि जनता जनार्दन के स्वर में भगवान का स्वर होता है | श्री राम और माता सीता | RamayanDialogues
हे महावीर हनुमान, आप तो महाराज सुग्रीव के महामंत्री है | हनुमान जी और लव | Ramayan Dialogues
महाराज राम, इस प्रकार यह मंत्र-तंत्र का प्रयोग वीरो के लिए उचित नहीं है | लव-कुश और श्री राम
हे महावीर, भक्त की शक्ति तो भगवान से भी अधिक होती है | हनुमान जी और ऋषि वाल्मीकि | Ramayan Dialogues
राम, दण्ड तो स्वयं तुम अपने आपको दे रहे हो | राजा जनक | Ramayan Dialogues Compilation
मानधाता, मानव को इतना अभिमान शोभा नहीं देता | इंद्र देव और राजा मांधाता | Ramayan Dialogues
सबको होनी के आगे अपना मस्तक झुकाना पड़ता है | आर्य सुमन्त और लक्ष्मण जी | Ramayan Dialogues
विष्णु ने राक्षसों का नाश करने के लिए अयोध्यापति दशरथ के घर जन्म लिया है | कुंभकर्ण और रावण
जीवन में कभी-कभार वह दिन आता है जब प्राणी अपने हाथों से अपना इतिहास लिख सकता है | रावण | Ramayan
विश्वकर्मा रचित, कुबेर द्वारा सुसज्जित, स्वर्ण जड़ित लंकापुरी | श्री राम और लक्ष्मण
जिनका स्वामी वन में तिनकों की कुटिया में रहे, उसके सेवक को राजमहल में रहना नहीं सुहाता | भरत
मित्रता जाति-पाति को नहीं देखती महाराज विभीषण | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
इन्द्रजीत ने सदा वीरों को धूल में मिला दिया है | इंद्रजीत | Ramayan Dialogues Compilation
मेरे भाग्य की विडम्बना को देखो, मुझे रघुकुल जैसा उज्जवल वंश मिला | भरत|Ramayan Dialogues Compilation
देवता भी उससे डरते है और भगवान तो स्वयं उसकी आज्ञा के आधीन होते है | सुलोचना
धरती आकाश पाताल लंका की जय-जयकार में गूँज उठेंगे | इंद्रजीत | Ramayan Dialogues Compilation
वीरों का पूजा स्थान रण-भूमि में ही होता है | लवणासुर और शत्रुघ्न | Ramayan Dialogues Compilation
नीति कहती है कि अग्नि, रोग, सर्प और शत्रु को कभी तुच्छ नही समझना चाहिए | मंदोदरी | Ramayan Dialogues
आज पहली बार तुम्हारी वाणी में ऐसा उल्हास और मुखड़े पर चमक दिखायी देती है | सीता जी और त्रिजटा
नाथ अयोध्या का सूर्यवंशी राजकुल अपनी वीरता के लिये बहुत प्रख्यात है | बालि और तारा | Ramayan
अवधेश अतिकाय को कुम्भकरण से कम मत समझिये, यह उससे सवाया है | विभीषण और लक्ष्मण | Ramayan Dialogues
वानरों को अपनी पूँछ से बड़ी ममता होती है, वही उनका आभूषण है | रावण | Ramayan Dialogues Compilation
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विश्वकर्मा रचित, कुबेर द्वारा सुसज्जित, स्वर्ण जड़ित लंकापुरी | श्री राम और लक्ष्मण | Ramayan
इस अवस्था में मुझे जी कर भी क्या करना है? इससे तो मृत्यु उत्तम है | सीता जी और त्रिजटा | Ramayan
राज राजेश्वर छत्रपति महाराज श्रीराम चन्द्र के अश्वमेघ यज्ञ का यह अश्व दिग दिकाल में स्वतंत्र भ्रमणके
महाराज राम आप क्षत्रिय धर्म को तो जानते ही होंगे | लव कुश और श्री राम | Ramayan DialoguesCompilation
माँ, मैने तो हर विपत्ति के क्षण में तुम्हे अपने निकट खड़ा पाया | श्री राम और कौशल्या | Ramayan
मुझे तीनो लोको में कोई ऐसा दिखाई नही देता जो आप धनु धारण करने पर आपके सामने ठहर सके | सुग्रीव और
जीवन में अनेक बार मेरे रक्त में क्रोध का उबाल आया है | श्री राम और लक्ष्मण | Ramayan Dialogues
पुत्री् प्रजा में एक भी विरोधी आवाज न रहे इसलिये जो महाराजा राम ने निर्णय लिया है वो उचित है | ऋषि व
मान लिया हमने भ्रम से नारायण को नहीं पहचाना | रावण | Ramayan Dialogues Compilation
नारद ने मुझे बताई थी कि विष्णु ने राक्षसों का नाश करने के लिए अयोध्यापति दशरथ के घर जन्म लिया है
तुम नही जानते कि तुम किसका अपमान कर रहे हो? मै तुम दोनो को एक क्षण में भष्म कर सकता हूँ | लक्ष्मण और
आपको आपके ईष्ट की शपथ है, मुझे सच-सच बताईये, यह दोनों कौन है? | हनुमान जी और महर्षि वाल्मीकि
पिता जी लंकेश्वर के महल में कितनी ही रानियाँ रहे, मुझे उनसे कोई विरोध नहीं | मंदोदरी | Ramayan
नाम तो केवल एक बाहनी पहचान के लिये होता है | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
विभीषण काका, देशद्रोही और कुलद्रोही तो सुने थे, परन्तु सन्तानद्रोही नहीं सुना था | इंद्रजीत
युद्ध में जीतने के लिए दो बातें परम आवश्यक है | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
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मैं आपकी भाँति कोई राजा नहीं, मैं तो केवल एक सेवक हूँ | भरत और श्री राम | Ramayan Dialogues
महाराज एक योगी के पास कुछ माँगने जा रहे है | ऋषि वशिष्ठ और कैकयी | Ramayan Dialogues Compilation
मेरे स्वामी लंकापति रावण ने आपको साधुवाद भेजा है | शुक | Ramayan Dialogues Compilation
बाली ने मरते समय मुझे कहा था कि जो वचन श्रीराम को दिया है, उसे पूरा करना | सुग्रीव | Ramayan
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अपने लिए नहीं तो अपने स्वामी के लिए तुम्हें जीवित रहना होगा | त्रिजटा और माता सीता | Ramayan
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मेरे बड़े भाग्य है कि आपकी चरण रज से मिथिला पावन हो गई है | राजा दशरथ और जनक | Ramayan Dialogues
एक पुत्री का पिता अपने जमाता के द्वार पर कुछ माँगने आया है | मायासुर | Ramayan Dialogues Compilation
हे हनुमान, तुम श्रापवश अपनी आपार शक्ति को भूल गए हो | जामवंत और हनुमान जी | Ramayan Dialogues
एक मानव ने हमारी छावनी का विध्वंस कर डाला है | मारीच और रावण | Ramayan Dialogues Compilation
प्रभु यदि रण में हमें कोई ललकारे तो क्षत्रिय धर्म के अनुसार हम उससे अवश्य लड़ेंगे | श्री राम
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कौशल्ये, पुत्र को वनवास दे दिया, राजमहल को अंधकार में कर दिया | राजा दशरथ और कौशल्या | Ramayan
भय शब्द तो रावण के शब्द कोष में हैं ही नहीं | इंद्रजीत और रावण | Ramayan Dialogues Compilation
आपके रहते लंका कैसे अनाथ हो सकती है पिताश्री? | इंद्रजीत और रावण | Ramayan Dialogues Compilation
आपके केवल दर्शन मात्र से ही मनुष्य सब दुखों से निवृत्त हो जाता है | ऋषि और श्री राम | Ramayan
राम, तुम जिस मार्ग से भी जाओगे, वही मार्ग सुगम हो जाएगा | श्री राम और ऋषि | Ramayan Dialogues
हे रघुंवश मणि, त्रिपुरारी, श्री ब्रह्मा जी द्वारा निर्मित यह दिव्य रथ है | श्री राम और इंद्र केसारथी
अब रावण का शीश केवल आपके तीखें बाणों का लक्ष्य बनने का अधिकारी रह गया है | Ramayan Dialogues
मेघनाद की बलि दे सके ऐसा वीर संसार में जन्मा नहीं है मातेश्वरी | Ramayan Dialogues Compilation
हाय रे अभागे भरत, भैया सूखी घास पर पड़े रहे और तू महलों के रेशमी बिछौने पर सोता रहा | भरत | Ramayan
पत्नी का धर्म होता है पति के कर्तव्यपूर्ति में उसका साथ देना | सुलोचना | Ramayan Dialogues
मैं धर्म तथा नीति का मार्ग प्रशस्त कर रहा हूँ | विभीषण | Ramayan Dialogues Compilation
मुझे तुम्हारी वीरता पर और तुम्हारे पराक्रम पर किंचित भी सन्देह नहीं है | श्री राम
श्री राम मुझे याद करते हैं, क्या यह सच है? | भरत और हनुमान जी | Ramayan Dialogues Compilation
मैंने तो वन में चौदह वर्ष बिताएं पिता की आज्ञा के कारण | श्री राम और भरत | Ramayan Dialogues
इन श्री चरणों में राम का कोटि-कोटि प्रणाम स्वीकार करें | श्री राम | Ramayan Dialogues Compilation
यदि मैंने रावण की बात नहीं मानी, तो क्या हो सकता है? | सुग्रीव और शुक | Ramayan Dialogues
दूत का काम संदेश देना है, परामर्श देना नहीं | सुग्रीव और शुक | Ramayan Dialogues Compilation
तुम्हारे दिव्य तेज से सारा आश्रम प्रकाशवान हो रहा है | ऋषि कश्यप और राम | Ramayan Dialogues
मैं तो कन्या का पिता हूँ। आपका दास हूँ। मेरी और आपकी बराबरी कैसे? | राजा जनक और राजा दशरथ