बीकानेर में दुनिया के सबसे महंगे आभूषणों से सजी एक ऐसी #गणगौर जो पुत्र प्राप्ति की कामना के साथ पूजी जाती हैं...!!
लगभग सवा सौ वर्षों से निकल रही चांदमल ढढ्ढा की गणगौर के पीछे भी पुत्र की मनोकामना की चाह प्रमुख रही है। कहा जाता है की देशनोक से बीकानेर आकर बसे सेठ उदयमल ढढ्ढा के कोई पुत्र नहीं था। राजपरिवार में अच्छी प्रतिष्ठा के कारण उनको शाही गणगौर देखनें का निमंत्रण मिला... तब उदयमल की पत्नी ने प्रण लिया की #पुत्र होने के बाद ही गणगौर दर्शन करूंगी। ....एक वर्ष #गणगौर की विश्वास एवं आस्था के साथ साधना करने से उनको पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। जिसका नाम #चांदमल रखा गया। तभी से प्रतिवर्ष भाईया के साथ गणगौर निकालने की परम्परा शुरू हुई। सेठ चांदमल जी के गणगौर का भाईया भी उतना ही कीमती है जितनी की गणगौर।
सेठ उदयमल राजा के धर्मभाई थे। इसलिए बीकानेर महाराजा ने उनकी गणगौर की सवारी नहीं निकाल कर चैत्र शुक्ला तृतीया एवं चतुर्थी को मेला प्रारम्भ करने की इजाजत दी। इस गणगौर की सवारी की एक बड़ी विशेषता भी है की इसके पांव है। जबकि बाकि सब गणगौर के पांव नहीं होते। भारी -भारी कपड़ों, कीमती हीरों और आभूषणों से सजी यह गणगौर अद्वितीय लगती है। यह गणगौर ढढ्ढ़ो के पुस्तैनी घर के आगे पाटे पर विराजमान रहती है। इस गणगौर के चारो तरफ सुरक्षाकर्मीयों का पहरा रहता है...!!
RAVINDRA ROVIN
जय हिन्द इंडियन आर्मी
5 months ago | [YT] | 1
View 0 replies
RAVINDRA ROVIN
बीकानेर में दुनिया के सबसे महंगे आभूषणों से सजी एक ऐसी #गणगौर जो पुत्र प्राप्ति की कामना के साथ पूजी जाती हैं...!!
लगभग सवा सौ वर्षों से निकल रही चांदमल ढढ्ढा की गणगौर के पीछे भी पुत्र की मनोकामना की चाह प्रमुख रही है। कहा जाता है की देशनोक से बीकानेर आकर बसे सेठ उदयमल ढढ्ढा के कोई पुत्र नहीं था। राजपरिवार में अच्छी प्रतिष्ठा के कारण उनको शाही गणगौर देखनें का निमंत्रण मिला... तब उदयमल की पत्नी ने प्रण लिया की #पुत्र होने के बाद ही गणगौर दर्शन करूंगी। ....एक वर्ष #गणगौर की विश्वास एवं आस्था के साथ साधना करने से उनको पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। जिसका नाम #चांदमल रखा गया। तभी से प्रतिवर्ष भाईया के साथ गणगौर निकालने की परम्परा शुरू हुई। सेठ चांदमल जी के गणगौर का भाईया भी उतना ही कीमती है जितनी की गणगौर।
सेठ उदयमल राजा के धर्मभाई थे। इसलिए बीकानेर महाराजा ने उनकी गणगौर की सवारी नहीं निकाल कर चैत्र शुक्ला तृतीया एवं चतुर्थी को मेला प्रारम्भ करने की इजाजत दी। इस गणगौर की सवारी की एक बड़ी विशेषता भी है की इसके पांव है। जबकि बाकि सब गणगौर के पांव नहीं होते।
भारी -भारी कपड़ों, कीमती हीरों और आभूषणों से सजी यह गणगौर अद्वितीय लगती है। यह गणगौर ढढ्ढ़ो के पुस्तैनी घर के आगे पाटे पर विराजमान रहती है। इस गणगौर के चारो तरफ सुरक्षाकर्मीयों का पहरा रहता है...!!
#Gangaur #bikaner
6 months ago | [YT] | 2
View 0 replies
RAVINDRA ROVIN
रीट पात्रता आंसर key जारी हो गई है ।।
6 months ago | [YT] | 0
View 0 replies
RAVINDRA ROVIN
Hppy Holi
7 months ago | [YT] | 1
View 0 replies
RAVINDRA ROVIN
शिवाय 🙏
8 months ago | [YT] | 1
View 0 replies
RAVINDRA ROVIN
RPF constable exam date out
8 months ago | [YT] | 1
View 0 replies
RAVINDRA ROVIN
RPF constable exam date out
8 months ago | [YT] | 1
View 0 replies
RAVINDRA ROVIN
RPF constable exam date out 😊
8 months ago | [YT] | 1
View 0 replies
RAVINDRA ROVIN
ये बड़ी अच्छी बात है
9 months ago | [YT] | 0
View 0 replies
RAVINDRA ROVIN
😏😏😏
1 year ago | [YT] | 0
View 0 replies
Load more