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Glory Gaurav
#70thBPSC
MAINS RESULT न होना एक ऐसा दुःख है जिसे कुछ भी बोलकर कम नहीं किया जा सकता है... इसलिए कुछ भी नहीं कहूंगा। जो अभ्यर्थी मेंस पास हुए है, उनको बधाई और साक्षात्कार परीक्षा के लिए शुभकामनाएं।।
1 week ago | [YT] | 10
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Glory Gaurav
सच कहूं तो अब रातों में ही सुकून है। जैसे दिन का पूरा शोर, सारी उधेड़बुन, सारे चेहरे, सारे सवाल अंधेरा होते ही अचानक किनारे हो जाते हैं। रात अपने साथ एक अजीब-सी उदासी तो लाती है, लेकिन उसी के भीतर कहीं एक शांत-सा ठिकाना भी होता है। जहाँ कोई आवाज़ नहीं, कोई उम्मीद नहीं, कोई जवाब नहीं, बस मैं हूँ और मेरा कमरा है। ये चार दीवारें मेरे लिए दुनिया बन चुकी हैं। लोग कहते हैं कि अकेलापन काटने लगता है, लेकिन मुझे लगता है कि अकेलापन भी एक कला है, इसे धीरे-धीरे सीखा जाता है और बड़े धैर्य से निभाया जाता है। मैंने इस कमरे की ख़ामोशियों को समझना सीख लिया है। यहाँ हर चीज़ अपनी जगह पर जमी रहती है। मेरी किताबें, मेरा बिस्तर, मेरी मेज़ और वो खिड़की जिससे रात की ठंडी हवा अंदर आती है और मुझे याद दिलाती है कि बाहर की दुनिया भले बड़ी है, पर मेरा सुकून सिर्फ़ यहीं है। दिन में बहुत कुछ होता है लोग मिलते हैं, बातें होती हैं, कभी-कभी हँसी भी छूटती है। लेकिन भीतर का शोर वहीं का वहीं रहता है। रात आते ही वो शोर धीरे-धीरे कम होने लगता है, जैसे किसी ने भीतर बजती तेज़ आँधी का वॉल्यूम धीरे-धीरे कम कर दिया हो। जब पूरा शहर थककर सो जाता है, तभी मेरे अंदर की जागती हुई बेचैनियाँ थोड़ी शांत होती हैं। मुझे लगता है कि रातें मुझे समझती हैं, दिन की तरह मुझसे कोई उम्मीद नहीं रखतीं। रातों में मैं अपने असली रूप में होता हूं जहां न मज़बूत बनने की ज़रूरत, न खुश दिखने की, न किसी को कुछ साबित करने की। ये कमरा मुझे जैसे मेरी चुप्पियों, मेरी थकान, मेरे डर, मेरी छोटी-छोटी खुशियों के साथ स्वीकार कर लेता है। कभी-कभी मैं बस लेटकर छत को देखता रहता हूँ और पाता हूं कि अंधेरे में भी एक भाषा होती है बहुत कोमल, बहुत धीमी, लेकिन पूरी तरह सच्ची। इन रातों ने मुझे खुद से मिलवाया है। उन्होंने मेरी रफ्तार धीमी की है, मेरे अंदर की पीड़ा को जगह दी है। जब बाहर की दुनिया मेरे लिए बहुत भारी हो जाती है, ये छोटा-सा कमरा मेरे लिए एक बंदरगाह बन जाता है जहाँ मैं अपनी सारी थकान उतार देता हूँ, जहाँ किसी को फर्क नहीं पड़ता कि मैं कैसा दिख रहा हूं या किससे जूझ रहा हूं। यहाँ सिर्फ़ मैं और मेरी साँसों का धीमा-सा उतार-चढ़ाव है। मैंने महसूस किया है कि सुकून कोई बड़ी चीज़ नहीं होता; वो बस दो-तीन पलों का मेल है। खैर... ! @GloryGaurav
4 weeks ago | [YT] | 5
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Glory Gaurav
ना हीं मेरे अंदर त्योहारों के लिए ...कोई एक्साइटमेंट बची है...
ना ही इस नई जनरेशन में फिट हूं मैं ...
कोई लौटा दे मुझे मेरा पुराना वर्जन ...
अपने इस नए अपडेट से खुश नहीं हु मै ... अज्ञात।।
1 month ago | [YT] | 8
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Glory Gaurav
सबसे कठिन होता है खुद से लड़ना। अपनी ही कमजोरियों, भ्रमों, टूटे सपनों और अधूरी उम्मीदों से निरंतर मुकाबला करना। हर सुबह जब सूरज निकलता है, तो दिल करता है कि आज कुछ बदले, आज दर्द कम हो जाए। मगर अक्सर ऐसा नहीं होता, और खुद को संभालते-संभालते थकान हावी हो जाती है। फिर भी, जीवन यहीं नहीं रुकता। मन की गहराइयों के सागर में लहरें उठती-गिरती रहती हैं। उलझा मन उम्मीद और चिंता के बीच झूलता रहता है। उदासी जब बहुत गहरी हो जाती है, तब वही पीड़ा हमें मजबूत बनाते हुए धीरे-धीरे बदलने लगती है। ख़ैर.. हर दर्द की अपनी कहानी होती है और हर कहानी का एक अंत होता है.... GLORY.
1 month ago | [YT] | 7
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Glory Gaurav
जीवन काफ़ी सोच विचार में बीत रहा है... कभी कभी लगता है जो कर रहा हूं वो सब छोड़ छाड़ कर किसी बड़ा शहर में चला जाऊं। फिर सोचता हूं थोड़ा सब्र रखके मेहनत कर लो, ईश्वर ने चाहा तो सब मिल जाएगा जिसके लिए बेचैन रहता हूं। जिंदगी न भाई आसान नहीं है, ज़िंदा रहना तो सबसे कठिन है। मैंने देखा है जो सफ़ल लोग होते हैं वो हमेशा कर्म, हिम्मत, दृढ़ निश्चय और मेहनत की बातें करते हैं.. वहीं जो व्यक्ति जीवन में असफल रह जाते हैं.. वे किस्मत ने साथ नहीं दिया, भगवान ने चाहा नहीं, जैसी बेतुकी बातें करते हैं। परिस्थितियों का रोना कोई हल नहीं बल्कि लड़ना एकमात्र उपाय है... ग्लोरी।।
2 months ago | [YT] | 4
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Glory Gaurav
आज फिर वही धूमधाम है, वही जगमगाहट जो हर साल इस त्योहार के साथ आती है। लोग खुश हैं, नाच रहे हैं, मिठाइयाँ बाँट रहे हैं। पर इस शोर के बीच, एक अजीब सी खामोशी है जो मेरे भीतर गूँज रही है। मैं मुस्कुराने की कोशिश करता हूँ, शामिल होने का नाटक करता हूँ, पर यह सब एक खोखलापन लगता है।
कैसा त्योहार और कैसी खुशी, जब जीवन में सब कुछ अधूरा हो ?
यह अधूरापन सिर्फ़ किसी एक चीज़ का नहीं है, यह उन सभी सपनों का है जो पूरे नहीं हुए, उन रिश्तों का है जो बिखर गए, उन बातों का है जो अनकही रह गईं। यह एक टीस है जो हर खुशी के मौके पर और भी गहरी हो जाती है। जब चारों ओर पूर्णता का प्रदर्शन होता है, तो मेरी अपनी अपूर्णता एक बोझ की तरह महसूस होती है... ग्लोरी।।
2 months ago | [YT] | 7
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Glory Gaurav
आज के समय में अगर तुम यह सोचकर चल रहे हो कि सबको खुश कर लोगे, तो यकीन मानो तुम अव्वल दर्जे के महामूर्ख हो। इंसानियत की यह सबसे बड़ी त्रासदी है कि जितना तुम दूसरों को खुश करने की कोशिश करोगे, उतना ही खुद को खोते जाओगे और अंत में वही लोग तुम्हें सबसे ज़्यादा गिरा देंगे। यहां किसी के पास तुम्हारे एहसानों की लिस्ट रखने का वक्त नहीं है। उल्टा, अगर तुमने एक बार भी उनकी उम्मीदों के खिलाफ कुछ किया तो वही लोग तुम्हें सबसे पहले नकार देंगे।
यह पक्का जान लो कि अगर तुमने अपनी जिंदगी दूसरों की हां में हां मिलाने में बर्बाद की, तो तुम्हारा बुरा वाला कटेगा। और कटेगा इस हद तक कि जब तुम थककर गिरोगे तो कोई तुम्हें संभालने भी नहीं आएगा। उस वक्त तुम्हारा रोना, तुम्हारा पछतावा, सब तुम्हें ही झेलना पड़ेगा क्योंकि किसी को फर्क ही नहीं पड़ेगा....। ग्लोरी गौरव।।
2 months ago | [YT] | 6
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Glory Gaurav
Kantara A Legend: Chapter 1
2 months ago | [YT] | 7
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Glory Gaurav
एक्टर विजय को देखने आए लाखों की भगदड़ में प्राण गँवाने वाले सभी जनों के लिए बेहद दुख है लेकिन गुस्सा भी बहुत है! 🙏🏻
RCB जीत के जश्न पर कहा था फिर से मेरा यही मत है!
ये मूर्खता की हद है और कुछ नहीं! आईफोन खरीदने के लिए भीड़, अपने चहेते स्टार को देखने की भीड़, किसी ढोंगी बाबा की झलक पाने को भीड़, पता नहीं क्या मिल जाएगा ऐसा पाकर जिसके लिए जान भी जा सकती है!
क्षमा करना दोस्तो मुझे ये हरकतें मूर्खतापूर्ण लगती हैं ऐसा लगता है जैसे खुद की कोई वैल्यू नहीं, किसी और के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा रहे हो! एक अजीब तरह की अपरिपक्वता है, पागलपन है जो 12 से 18 साल तक के युवाओं के लिए तो समझ आता है लेकिन 30-35 वर्ष की आयु के बाद भी लोग अपने बच्चों को लेकर ऐसी जगह जाते हैं! मैं समझ नहीं पाता क्यों? कोई इतना अपरिपक्व कैसे हो सकता है कि अपना काम धंधा छोड़कर ऐसी रैली या भीड़ वाली जगह पर जाए! आपके हिसाब से क्या है ये-
ग़रीबी, अशिक्षा, नासमझी, बेरोजगारी या मूर्खता!
#VijayRoadShow
2 months ago | [YT] | 6
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Glory Gaurav
#बिहार_चुनाव की उठापटक ...
RJD लोगों के गुस्से पर सवार है,कांग्रेस बैक सीट पर बैठकर मलाई खाने के मूड में हैं
BJP बड़े बड़े सपने बेच रही है
और प्रशांत किशोर गाँव गाँव जाकर सबको समझा रहे हैं कि किसी के झांसे में मत आना
PK जीतने से तो रहे पर किसी की हार का कारण जरूर बनेंगे ।।
#Bihar #Biharchunav #RJD #Congress #BJP #PK #nitishkumar #jansuraj
#GloryGaurav @GloryGaurav
3 months ago | [YT] | 8
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