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-------------------- जय सरस्वती मां , जय हिन्द, वन्दे मातरम् ----------------------


success tips

उम्मीद की दस्तक…

अब रुकना नहीं है
सिस्टम के गलियारों से एक आवाज़ आ रही है—
VDO, LDC और अन्य पदों की नई भर्तियों के संकेत....!
किसी के लिए ये बस एक ख़बर होगी,
लेकिन किसी के लिए यह
बरसों की तपस्या का पहला इशारा है....
ये संकेत उन आँखों के लिए हैं
जो रात देर तक किताबों में भीगती रहीं,
उन हाथों के लिए हैं
जो फार्म भरते-भरते काँप गए,
और उस मन के लिए हैं
जो हर असफलता के बाद भी बोला—
“अभी खत्म नहीं हुआ।”
याद रखिए—
सरकारी नौकरी अचानक नहीं मिलती,
उसके पीछे
धैर्य, अपमान, इंतज़ार और अनुशासन
सब छिपे होते हैं.....
आज जो भर्ती की हल्की-सी आहट सुनाई दे रही है,
वो उन सब क़दमों की गूंज है
जो आपने चुपचाप उठाए थे....
अब समय है
ख़बर पढ़कर खुश होकर बैठ जाने का नहीं,
बल्कि
ख़बर को हौसले में बदलने का.....
आज का एक घंटा,
कल की नियुक्ति बन सकता है।
आज की एक revision,
कल की मेरिट लिस्ट में आपका नाम लिख सकती है।
जो लोग कहते हैं—
“अब कुछ नहीं होगा”
उन्हें इतिहास कभी याद नहीं रखता.....
इतिहास उन्हें याद रखता है
जो कहते हैं—
“संकेत मिल गए हैं, अब पीछे नहीं हटूँगा।”
अगर आप VDO, LDC या किसी भी पद की तैयारी कर रहे हैं,
तो समझ लीजिए—
ये सिर्फ भर्ती नहीं,
आपके संघर्ष को सम्मान मिलने की प्रक्रिया है.....
थोड़ा और रुक जाइए,
थोड़ा और पढ़ लीजिए,
क्योंकि जब मौका आता है,
तैयार लोग ही चुने जाते हैं.....
संकेत मिल चुके हैं…
अब मेहनत को और धार देने का समय है। 💪📚

‪@SawaitailorkSawau‬

9 hours ago | [YT] | 616

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तनाव और सफलता का गहरा संबंध


आज हर व्यक्ति सफलता चाहता है,
लेकिन बहुत कम लोग उस रास्ते पर आने वाले तनाव के लिए तैयार होते हैं।
सच्चाई यह है कि
यदि आप तनाव नहीं संभाल सकते,
तो आप सफलता भी नहीं संभाल पाएँगे।
सफलता केवल नाम, पैसा या पद नहीं है।
उसके साथ अपेक्षाएँ आती हैं,
ज़िम्मेदारियाँ बढ़ती हैं,
और हर फैसले पर नज़र रखी जाती है।
ऐसे में जो व्यक्ति भीतर से मज़बूत नहीं होता,
वह सफलता के बोझ तले दबने लगता है।
तनाव से भागना समाधान नहीं है।
समाधान है—उसे समझना और नियंत्रित करना।
जो इंसान संघर्ष के समय खुद को संभाल लेता है,
वही ऊँचाई पर पहुँचकर भी संतुलन बनाए रख पाता है।
अक्सर देखा गया है कि
जो लोग छोटे-छोटे दबावों में टूट जाते हैं,
वे बड़ी उपलब्धियों को भी संभाल नहीं पाते।
इसके विपरीत,
जो कठिन परिस्थितियों में धैर्य रखता है,
वही सफलता को सही दिशा देता है।
इसलिए सफलता से पहले
अपने मन को मज़बूत बनाइए।
तनाव को अपना शत्रु नहीं,
अपना शिक्षक बनाइए।
क्योंकि जब आप तनाव को संभालना सीख जाते हैं,
तब सफलता अपने आप
आपके हाथों में टिक जाती है.....

1 day ago | [YT] | 1,675

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बस इसी दिन का इंतज़ार है—
जब मेहनत शोर नहीं करेगी,
परिणाम खुद बोलेंगे।
जब तानों की जगह ताली होगी,
जब “हो जाएगा?” की जगह
“कर दिखाया!” कहा जाएगा।
वो दिन,
जब संघर्ष कहानी बनेगा
और सब्र पहचान।
बस… उसी दिन का इंतज़ार है......

2 days ago | [YT] | 1,410

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हम अक्सर जीवन की शुरुआत ही नहीं कर पाते।
क्योंकि हम सोचते बहुत हैं, करते बहुत कम हैं।
कभी दस लोगों से राय लेते हैं,
कभी घंटों सोशल मीडिया पर दूसरों की ज़िंदगी देखते रहते हैं,
कभी एक के बाद एक मोटिवेशनल वीडियो—
और दिन खत्म हो जाता है, पर ख़ुद का एक भी क़दम आगे नहीं बढ़ता।
सच यह है कि
राय उलझाती है, तुलना थकाती है,
और ज़्यादा मोटिवेशन निर्भर बना देता है।
हमें लगता है—“अभी पूरी तैयारी नहीं हुई”,
“अभी सही समय नहीं आया”,
“एक वीडियो और देख लूँ, फिर शुरू करूँगा।”
लेकिन ज़िंदगी का सबसे बड़ा सच यही है—
कोई सही समय नहीं आता,
समय को सही बनाना पड़ता है।
जो लोग आगे बढ़े, उन्होंने सब कुछ जानकर शुरुआत नहीं की,
उन्होंने शुरुआत करके सब कुछ सीखा।
उनके पास भी डर था,
भ्रम था,
असफलता का डर था—
फिर भी उन्होंने पहला क़दम उठाया।
याद रखिए—
आपको बदलने वाला वीडियो नहीं,
आपको बदलने वाला निर्णय होता है।
और आपकी किस्मत बदलने वाला निर्णय
तभी असर करता है
जब उसके साथ एक्शन जुड़ा हो।
आज बस इतना कीजिए—
कम सोचिए,
कम देखिए,
और एक छोटा सा काम शुरू कर दीजिए।
क्योंकि
असली गेम चेंजर मोटिवेशन नहीं,
निरंतर किया गया एक्शन है.....

3 days ago | [YT] | 2,171

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1 week ago | [YT] | 2,827

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जब कोई भाई पूछे:
“भैया, RPSC के बदले हुए पैटर्न के हिसाब से ये subject कहाँ से पढ़ूँ?”

तो हम पूरे confidence से कह सकें:
“भाई, बस यही पढ़ लो। इसे अच्छे से याद कर लो।”

हाँ, कंटेंट थोड़ा ज़्यादा लग सकता है।
लगभग 1500 प्रश्न एक subject के होंगे, जो शुरू में मुश्किल लगेंगे।
लेकिन exam के दिन यही मेहनत पूरी तरह worth लगेगी।


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कई बार वो पूछता है —
“भैया, मैंने पुराने नोट्स पढ़ रखे हैं और अच्छे से याद भी हैं। तो क्या मुझे नोट्स बदलने चाहिए?”

तो हमारी सीधी सलाह होती है —
“कोई भी नया RPSC का पेपर उठाकर देख लो।
अगर उसमें से 75% सवाल तुम्हारे नोट्स से आ रहे हैं, तो वही नोट्स सही हैं।”

लेकिन सच्चाई ये है कि
आजकल 30% सवाल भी पुराने नोट्स से मुश्किल से आ रहे हैं।


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फिर वो कहता है —
“भैया, अगर 1000 पेज की मोटी बुक है तो क्या वो पूरी पढ़नी पड़ेगी?”

इसका जवाब बहुत simple है —
नहीं। बस RPSC के लिए दो rule याद रखो 👇

Rule 1: 75 : 75 Rule

ऐसा कंटेंट पढ़ो जिससे कम से कम 75% सवाल आते हों

और जो सवाल आएँ, उनमें से 75% सही करके आ सको


Rule 2:

75% सवाल तभी सही होंगे,
जब उसी कंटेंट को कम से कम 5 बार revise किया हो

इसलिए वही कंटेंट पढ़ो जिसकी multiple revision possible हो





फिर आख़िरी सवाल आता है —
“जो पुराने नोट्स पहले से याद हैं, उनका क्या करूँ? उन्हें छोड़ना नुकसान नहीं होगा?”

जवाब बिल्कुल practical है —
हाँ, पुराने नोट्स का फायदा होता है,
क्योंकि memory में चीज़ें पहले से बैठी होती हैं।

लेकिन सच्चाई ये भी है कि
content update करना जरूरी है।

इसका मिडल रास्ता ये है 👇

तरीका 1:

पुराने नोट्स में ही
नई बुक से जरूरी चीज़ें add कर लो

अगर किसी chapter का कंटेंट बिल्कुल नया है,
तो नोट्स में लिख दो —
“ये chapter सीधे बुक से पढ़ना है”
(बुक का page number भी लिख लो)


तरीका 2:

जब कोई subject पढ़ो,
तो पुराने नोट्स + नई बुक
दोनों को मिलाकर short notes बना लो

और फिर उसी short notes को बार-बार revise करो





Simple बात यही है:
✔ कम पढ़ो
✔ सही पढ़ो
✔ बार-बार revise करो

Exam में यही strategy काम आती है।

1 week ago | [YT] | 415

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क्यों आज के छात्र अपना रास्ता खो देते हैं और कैसे मेंटरशिप उन्हें सही दिशा देती है

आज ज़्यादातर छात्र टैलेंट की वजह से नहीं हारते.
वे हारते हैं क्योंकि उनके पास सही दिशा नहीं होती.

कोई सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है.
कोई प्राइवेट जॉब चाहता है.
कोई विदेश में पढ़ाई का सपना देख रहा है.
और कई छात्रों को समझ ही नहीं आता कि उनके लिए सही करियर क्या है.

इसी उलझन में महीनों और साल निकल जाते हैं.
गलत विषय पढ़ते हैं, गलत टाइमटेबल बनाते हैं, या गलत लक्ष्य चुन लेते हैं.
यह कमजोरी की समस्या नहीं है.
यह सही मार्गदर्शन की कमी है.सही रास्ता चुनना

एक अच्छा मेंटर छात्र को समझने में मदद करता है कि उसकी क्षमता और रुचि किस दिशा में है. इससे शुरुआत से ही स्पष्टता मिलती है.

✔ साधारण और स्पष्ट योजना बनाना

अधिकतर छात्र सब कुछ एक साथ पढ़ने लगते हैं और थक जाते हैं.
मेंटर उन्हें रोज की पढ़ाई, हफ्ते के लक्ष्य और महीने की रिविजन की एक साफ योजना बनाकर देता है.

✔ गलतियों को जल्दी सुधारना

छात्र एक ही गलती बार-बार दोहराते हैं.
मेंटर तुरंत बता देता है कि कहाँ सुधार की ज़रूरत है और कैसे करना है.मोटिवेशन वापस लाना

तैयारी लंबी होती है और कई बार अकेलापन महसूस होता है.
बहुत से छात्र इसलिए छोड़ देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे आगे नहीं बढ़ रहे.
एक मेंटर आत्मविश्वास बनाए रखता है और मुश्किल समय में साथ खड़ा रहता है.

उदाहरण

एक छात्र बैंक पीओ की तैयारी कर रहा है और reasoning में बार-बार कम अंक आते हैं.
धीरे-धीरे उसे लगता है कि वह इस एग्ज़ाम के लायक नहीं है.
मेंटर उसका mock test देखकर असली समस्या ढूँढ लेता है और 20 दिन की प्रैक्टिस प्लान देता है.
कुछ ही हफ्तों में स्कोर बढ़ने लगते हैं क्योंकि अब दिशा सही है.शुरुआत में ही मेंटरशिप क्यों ज़रूरी है

सही मार्गदर्शन समय बचाता है, तनाव कम करता है और छात्रों को एक स्पष्ट रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद करता है.
जब दिशा सही हो, तो मेहनत कभी बेकार नहीं जाती.... आपको भी किसी समस्या के solution की need हैं तो आप अवश्य जुड़े telegram group से और अपनी समस्या share करे

#mentalhealth #mentor #school #FutureLeaders #education #facebookviral

1 week ago | [YT] | 161

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धूमधाम से तो नामकरण होता है, ज़िन्दगी में नाम बनाने का सिलसिला तो खामोशी से ही मुकम्मल होता है- इसलिए
ज़्यादा सुर्खियों का शौक़ नहीं पालना चाहिए … 😊

@हाइलाइट

1 week ago | [YT] | 1,393

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जब टीवी मेरे घर आया, तो मैं किताबें पढ़ना भूल गया था। जब कार मेरे दरवाजे पर आई, तो मैं चलना भूल गया।

हाथ में मोबाइल आते ही मैं चिट्ठी लिखना भूल गया। जब मेरे घर में कंप्यूटर आया, तो मैं स्पेलिंग भूल गया। जब मेरे घर में एसी आया, तो मैंने ठंडी हवा के लिए पेड़ के नीचे जाना बंद कर दिया। जब मैं शहर में रहा, तो मैं मिट्टी की मेहक को भूल गया।

मैं बैंकों और कार्डों का लेन-देन करके पैसे की कीमत भूल गया। परफ्यूम की महक से मैं ताजे फूलों की महक भूल गया। फास्ट फूड के आने से मेरे घर की महिलायें पारंपरिक व्यंजन बनाना भूल गई..

हमेशा इधर-उधर भागता, मैं भूल गया कि कैसे रुकना है और अंत में जब मुझे सोशल मीडिया मिला, तो मैं बात करना भूल गया..

Ganpat Singh Rajpurohit

#ganpatsinghrajpurohit

1 week ago | [YT] | 2,010