डेयरी फ़ार्म पर दूध देने वाले पशुओं को उचित तरीके से पाला और खिलाया जाता है.
डेयरी फ़ार्म पर दूध निकालने के लिए मैन्युअल तरीके या मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है.
ताज़े दूध को संसाधित करके उसकी गुणवत्ता बढ़ाई जाती है और उसकी शेल्फ़ लाइफ़ बढ़ाई जाती है.
संसाधित दूध को बोतलों या कंटेनरों में पैक करके खाद्य भंडारों, सुपरमार्केटों, और दुकानों में बेचा जाता है.
डेयरी फ़ार्मिंग के लिए पशुओं के स्वास्थ्य, प्रजनन, और पशु चिकित्सा पर काफ़ी ध्यान दिया जाता है.
डेयरी फ़ार्मिंग के लिए ज़्यादा पूंजी की ज़रूरत होती है और पशुओं को चराने और दूध निकालने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.
डेयरी फ़ार्मिंग से जुड़ी कुछ योजनाएं भी हैं, जिनके तहत सब्सिडी मिल सकती है.
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