नाबालिग के अपहरण के मामले में आरोपी दोषी करार, 7 साल का कारावास और 20000 का जुर्माना
चित्तौड़गढ़l
नाबालिग के अपहरण के एक मामले में पोक्सो कोर्ट में आरोपी को दोषी करार दिया और उसे 7 साल के कारावास तथा जुर्माने से दंडित कियाl हालांकि अभियोजन पक्ष दुष्कर्म को साबित नहीं कर पाया, ऐसे में आरोपी को दुष्कर्म के आरोप से मुक्त कर दिया गयाl मामला दरअसल वर्ष 2017 का हैl निंबाहेड़ा सदर थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने 12 जून को पुलिस थाने में रिपोर्ट दी कि वह एक पेट्रोल पंप पर काम करता है और शाम को करीब 4:00 बजे घर पहुंचा, जहां उसकी 15 वर्षीय नाबालिग बहन घर पर नहीं मिली। इस दौरान उसकी मां पास ही चारा लेने गई थी। आसपास के लोगों से बहन के बारे में पूछा तो उसका पता नहीं चला। ऐसे में संदेह के आधार पर गांव में ही रहने वाले नीमच जिले के जावदा थाना अंतर्गत खोर गांव निवासी विकास पुत्र कैलाश लोहार के घर पहुंचा। रिपोर्ट के अनुसार उसने विकास के घर पर पता किया तो वह गायब था वही उसका फोन भी बंद आ रहा था। उसने विकास पर शंका जाहिर करते हुए मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 363 और 366, पोक्सो एक्ट 5(L)/6 के अंतर्गत विकल्प 376 (2) (N) के तहत मामला दर्ज करते हुए आरोपी के खिलाफ न्यायालय में अनुसंधान के बाद चालान पेश किया। विशिष्ट लोक अभियोजक अफजल मोहम्मद शेख ने बताया कि प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से 18 गवाह कराए गए वहीं 29 दस्तावेज प्रदर्शित किए गए। बचाव पक्ष की ओर से एक दस्तावेज प्रदर्शित हुआ और एक गवाह कराया गया। पोक्सो कोर्ट द्वितीय के पीठासीन अधिकारी अमित सहलोत ने दोनों ही पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी को पोक्सो की धारा 5(L)/6 के आरोप से मुक्त कर दिया और भारतीय दंड संहिता की धारा 363 और 366 के अंतर्गत दोषी करार दिया। पीठासीन अधिकारी ने आरोपी को धारा 363 के अंतर्गत 7 साल कठोर कारावास और ₹10000 का जुर्माना सुनाया। इसी प्रकार 366 के तहत 7 साल सश्रम कारावास और ₹10000 के अर्थदंड से दंडित कियाl न्यायालय ने जुर्माना राशि न्यायालय में जमा कराने पर पीड़िता को अदा करने के निर्देश दिए।
Pratap news
https://youtu.be/HYrEPsovo54?si=GbnBj...
2 years ago | [YT] | 3
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नाबालिग के अपहरण के मामले में आरोपी दोषी करार, 7 साल का कारावास और 20000 का जुर्माना
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नाबालिग के अपहरण के एक मामले में पोक्सो कोर्ट में आरोपी को दोषी करार दिया और उसे 7 साल के कारावास तथा जुर्माने से दंडित कियाl हालांकि अभियोजन पक्ष दुष्कर्म को साबित नहीं कर पाया, ऐसे में आरोपी को दुष्कर्म के आरोप से मुक्त कर दिया गयाl मामला दरअसल वर्ष 2017 का हैl निंबाहेड़ा सदर थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने 12 जून को पुलिस थाने में रिपोर्ट दी कि वह एक पेट्रोल पंप पर काम करता है और शाम को करीब 4:00 बजे घर पहुंचा, जहां उसकी 15 वर्षीय नाबालिग बहन घर पर नहीं मिली। इस दौरान उसकी मां पास ही चारा लेने गई थी। आसपास के लोगों से बहन के बारे में पूछा तो उसका पता नहीं चला। ऐसे में संदेह के आधार पर गांव में ही रहने वाले नीमच जिले के जावदा थाना अंतर्गत खोर गांव निवासी विकास पुत्र कैलाश लोहार के घर पहुंचा। रिपोर्ट के अनुसार उसने विकास के घर पर पता किया तो वह गायब था वही उसका फोन भी बंद आ रहा था। उसने विकास पर शंका जाहिर करते हुए मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 363 और 366, पोक्सो एक्ट 5(L)/6 के अंतर्गत विकल्प 376 (2) (N) के तहत मामला दर्ज करते हुए आरोपी के खिलाफ न्यायालय में अनुसंधान के बाद चालान पेश किया। विशिष्ट लोक अभियोजक अफजल मोहम्मद शेख ने बताया कि प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से 18 गवाह कराए गए वहीं 29 दस्तावेज प्रदर्शित किए गए। बचाव पक्ष की ओर से एक दस्तावेज प्रदर्शित हुआ और एक गवाह कराया गया। पोक्सो कोर्ट द्वितीय के पीठासीन अधिकारी अमित सहलोत ने दोनों ही पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी को पोक्सो की धारा 5(L)/6 के आरोप से मुक्त कर दिया और भारतीय दंड संहिता की धारा 363 और 366 के अंतर्गत दोषी करार दिया। पीठासीन अधिकारी ने आरोपी को धारा 363 के अंतर्गत 7 साल कठोर कारावास और ₹10000 का जुर्माना सुनाया। इसी प्रकार 366 के तहत 7 साल सश्रम कारावास और ₹10000 के अर्थदंड से दंडित कियाl न्यायालय ने जुर्माना राशि न्यायालय में जमा कराने पर पीड़िता को अदा करने के निर्देश दिए।
2 years ago | [YT] | 7
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