कलियुग में भगवान की प्राप्ति का सबसे सरल किंतु प्रबल साधन उनका नाम-जप ही बताया गया है। श्रीमद्भागवत का कथन है-यद्यपि कलियुग दोषों का भंडार है तथापि इसमें एक बहुत बडा सद्गुण यह है कि सतयुग में भगवान के ध्यान (तप) द्वारा, त्रेतायुगमें यज्ञ-अनुष्ठान के द्वारा, द्वापरयुगमें पूजा-अर्चना सेजो फल मिलता था, कलियुग में वह पुण्यफलश्री हरि के नाम-संकीर्तन मात्र से ही प्राप्त हो जाता है। कृष्ण यजुर्वेदीयकलिसंतरणोपनिषद्में लिखा है कि द्वापरयुगके अंत में जब देवर्षि नारद ने ब्रह्माजी से कलियुग में कलि के प्रभाव से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब सृष्टिकर्ता ने कहा-आदिपुरुष भगवान नारायण के नामोच्चारणसे मनुष्य कलियुग के दोषों को नष्ट कर सकता है। नारदजीके द्वारा उस नाम-मंत्र को पूछने पर हिरण्यगर्भ ब्रह्माजीने बताया-
हरे रामहरेराम राम राम हरेहरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥
P L E A S E S U B S C R I B E U S C H A N N E L
BHAGWAD PRAPTI
Jai maiya
3 months ago | [YT] | 0
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BHAGWAD PRAPTI
Pyare laddu gopal😌😌
1 year ago | [YT] | 0
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BHAGWAD PRAPTI
सोमवती अमावस्या की हार्दिक शुभकामनाये
5 years ago | [YT] | 6
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BHAGWAD PRAPTI
5 years ago | [YT] | 4
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BHAGWAD PRAPTI
सुप्रभात
5 years ago | [YT] | 4
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