Hussain’s World

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Hussain’s World

कहानी
" वादा"

वह मिलने आई और बोली,राज आज के बाद हम अब कभी नहीं मिलेंगे। मैं अपनी मोहब्बत के लिए अपने मां बाप को नाराज। नहीं कर सकती। मैंने कहा, तुम गलत कर रही हो। तुम बदल गई हो तुम बेवफा हो तुम मतलबी हो। वह कुछ नहीं बोली तेज तेज कदमों से चली गई,फिर कभी नहीं मिली।
मेरे मन में बहुत गुस्सा था उसकी तरफ से।मगर उसकी तरफ से ना कोई फोन ना मैसेज कुछ नहीं आया।अब मुझे भी उससे नफरत सी हो गई थी।मैं भी अपने कामों में व्यस्त हो गया।जब भी उसका ख़्याल आता तो दिल से उसके लिए बुरे शब्द ही निकलते। ऐसे ही साल बीत गया। लेकिन उसका कोई फोन या मैसेज नहीं आया।
एक दिन में शाम को बाजार से घर आ रहा था।अचानक मेरी बाइक से एक आदमी टकरा गया।वो नीचे गिर गया मैंने उसे उठाया।अंकल जी,आपको चोट तो नहीं लगी। वो बोले नहीं बेटा मैं ठीक हूँ।ऐसी चोट से आदमी नहीं मरता चोट तो दिल की बुरी होती है। जो न जीने देती है,न मरने देती है।मैने उन्हें एक पेड़ के नीचे बैठाया।और पूछा क्या बात अंकल जी, आप बड़े परेशान नज़र आ रहे हैं।क्या हुआ ? वह नम आंखों से बोला,बेटा मेरी एक ही बेटी है।मैने पिछले साल उसकी शादी की थी।मगर वो ससुराल में दु:खी है।दामाद बेकार मिल गया। मेरी बेटी किसी और से शादी करना चाहती थी।जो उसके साथ कॉलेज में पढ़ता था। उसने मेरे आगे हाथ तक जोड़े थे। मगर मैने उसकी एक ना सुनी बल्कि उसको धमकी दी कि अगर तू उस लड़के से अब मिली।तो अपने बाप का मरा मुंह देखेगी।मेरी बेटी ने कहा,पापा आप जैसा कहोगे मैं वैसा करूंगी।मैं अपना वादा निभाऊंगी।आपकी खुशी में मेरी खुशी है। और मैंने अपनी पसंद से उसकी शादी कर दी।आज उसी से मिलकर आ रहा हूं उसको दु:खी देख कर लगता है के मैने खुद ही अपनी बेटी की खुशियों का गला घोंट दिया।मैने उनको दिलासा देते हुए कहा,अंकल जी सब्र रखो ऊपर वाला सब ठीक कर देगा।
मैं भी प्रार्थना करूंगा आपकी बेटी सुमन सुखी रहे। वो मेरी तरफ हैरानी से देखते हुए बोले बेटा तुम कौन हो? तुम मेरी बेटी का नाम कैसे जानते हो?तब मैने बताया अंकल जी,मै ही वो लड़का हूं जिससे आपकी बेटी शादी करना चाहती थी। मगर आपका वादा पूरा करने के लिए उसने मेरे साथ किया गया शादी का वादा तोड़ दिया था।मेरे घर में भी पता चल गया था। कि मै सुमन से शादी करना चाहता हूं। मगर ऐसे ही आपकी तरह मेरे घर वालों ने भी मेरे से वादा लेकर जल्दबाजी में मेरी शादी ऐसी लड़की से करा दी।जो कम पढ़ी लिखी है। ना सुंदर है और ना ही हमारे विचार आपस में मिलते है।बस घर वालों ने ये देखा कि लड़की बड़े खानदान की है।अब भुगतना मुझे पड़ रहा है।अंकल जी आपकी बेटी और मेरी कहानी जैसी देश में बहुत सी ऐसी कहानियां है। मां बाप जबरदस्ती से अपने बच्चों पर अपनी मर्जी थोप देते है।और उन्हें मजबूर कर देते है।बाद में जब कोई दिक्कत आती है।तो घर वाले किस्मत की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते है,और भुगतना शादी करने वाले को पड़ता है।अंकल जी मै ये कहना चाहता हूं,कि अगर आपका बच्चा आपको अपनी पसंद बता रहा है तो इसका मतलब यही तो है के वो आपसे आपकी रजामंदी मांग रहा है।उसकी पसंद को एक बार देखना तो चाहिए। उसके परिवार की जानकारी लो अगर सब ठीक है तो हां कर दो।और अगर आपको लगता है बच्चे का फैसला गलत है,तो उसे प्यार से समझाओ उन कमियों को उसके आगे रखो।अगर वो फिर भी जिद करे तो अस्थाई रूप से हां कर दो और उसे चार,छ:महीने साल का टाइम दे दो।जो कमियां आपको दिखी है उसको भी वो कमियां नजर आ जाएगी। और उसे लगेगा कि मेरे परिवार का फैसला सही है। वो फिर खुशी से आपकी बात मानेगा।लेकिन अगर आप जिद करोगे तो वो भी जिद करेगा या कोई लगत कदम उठाएगा।और अगर आप उसे ज्यादा मजबूर करोगे तो वो आपकी जिद के आगे झुक तो जाएगा। लेकिन वो उम्र भर खुश नहीं रह पाएगा। बस आपको दिए गए वादे का कर्ज उतरता रहेगा। उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख कर कहा,सही कहते हो बेटा।और सोचते हुए वहां से चल दिए। मै भी सोचने लगा,मैं सुमन को कितना गलत समझ रहा था।वो एक सच्ची प्रेमिका थी...बस एक बाप का वादा निभाने के लिए उसने अपने प्रेमी का वादा तोड़ा था। आज मैने सब गिले शिक़वे भुला कर सुमन को दिल से माफ कर दिया था।

तारीफ हुसैन तारीफ
ग्राम मुकारम पुर, यमुना नगर हरियाणा

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1 year ago | [YT] | 1